खंडवा (ईएमएस)। नर्मदा जल की पाइपलाइन फिर एक बार फूट गई। इससे पूर्व में पाइपलाइन फटी थी तो शहर में जल संकट कुछ क्षेत्रों में गहरा गया था। जल संकट गहराने पर आक्रोशित शहरवासियों ने चक्का जाम किया था जिसके बाद उन पर प्रकरण दर्ज हो गया और दो से तीन दिन तक शहर की राजनीति एवं जन चर्चा में नर्मदा जल योजना सुर्खियां बनी हुई थी वक्त के साथ लोग भूल गए। उक्त टिप्पणी करते हुए शिवसेना प्रमुख गणेश भावसार ने कहा कि 200रु चलकर देने के बाद भी शहरवासियों को शुद्ध जल की पाइप फूट जाए और वह भी मुश्किल से 7 से 8 दिन ही महीने में पानी मिल पाता है। जबकि जल टैक्स पूरे महीने का नगर निगम वसूल रही है। श्री भावसार ने आगे कहा कि आम जनता को नगर निगम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कर पा रही है जबकि जिस उद्देश्य से नगर निगम का गठन किया गया था वह पूरा होता हुआ वर्तमान में नहीं देख पा रहा है । निगम से अगर पानी मांगो तो शहरवासियों पर प्रकरण दर्ज हो जाता है। सोचनीय विषय तो यह है कि पाईपलाइन को नुकसान ना हो इस के लिए नगर निगम व्दारा राजस्व अधिकारियों को डयूटी पर लगा रखा है फिर कैसी फूटी लाईन और किसने यह कर्त्य किया। इस कार्य में भ्रष्टाचार की बू आने लगी है। इधर मध्यप्रदेश के ही हरदानगर पालिका व्दारा पेयजल योजना में लापरवाही बरतने वालों पर अर्थदंड से दंडित किया गया है। किंतु खंडवा निगम फरियादियों को ही जेल में भेज रही है। ऐसी स्थिति में शहर की आम जनता का भरोसा राजनेताओं पर से उठ गया है क्योंकि यही राजनेता चुनाव के वक्त मूलभूत सुविधाओं के नाम पर मतदाताओं के घर पहुंच कर वोट मांगते हैं। शिवसेना शहर की आम जनता के साथ है और नगर निगम से मांग करती है कि नगर निगम जलकर टैक्स में शहर वासियों को राहत दे। ईएमएस / 05/05/2025