मुंबई (ईएमएस)। अभिनेत्री लक्ष्मी मांचू भारतीय पारंपरिक परिधान साड़ी को लेकर अपने प्रेम और जुनून को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में लक्ष्मी मांचू ने मेक इन इंडिया अभियान के तहत आयोजित एक फैशन इवेंट में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने साड़ी को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने बताया कि साड़ी सिर्फ एक परिधान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा की आत्मा है, जिसे वह गर्व से दुनिया के सामने प्रस्तुत करती हैं। लक्ष्मी मांचू ने बताया कि वह उन महिलाओं में से हैं जो आम दिन में भी साड़ी पहनने से हिचकती नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैं मुंबई में कॉफी शॉप में भी साड़ी पहनकर जाती हूं क्योंकि मेरे लिए यह सिर्फ एक फैशन स्टेटमेंट नहीं, बल्कि मेरी पहचान है। मुझे इस परिधान से विशेष जुड़ाव महसूस होता है। यह न सिर्फ स्त्री की सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि उसकी गरिमा और संस्कृति को भी दर्शाता है।” इवेंट में लक्ष्मी ने कांचीपुरम और कोटा जैसे पारंपरिक भारतीय वस्त्रों के साथ प्रयोग की बात भी साझा की। उन्होंने कहा कि मुंबई जैसे महानगरों में असली जरी मिलना मुश्किल होता है, इसलिए उन्होंने खुद जाकर मास्टर कारीगरों से संपर्क किया और उनसे असली जरी मंगाकर एक खास साड़ी बनवाई। इसके अलावा, उन्होंने कलमकारी डिज़ाइन भी खुद हाथ से तैयार किए, जिसे देखकर बुनकर भी हैरान रह गए और उन्होंने स्वीकार किया कि ऐसा काम उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। लक्ष्मी का मानना है कि भारतीय पारंपरिक परिधानों की खासियत और उनकी विरासत को सिर्फ त्योहारों या आयोजनों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में भी अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि साड़ी ऐसा परिधान है जिसे दुनिया भर में सराहा जाता है और यह भारत की सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा है। गौरतलब है कि लक्ष्मी मांचू मशहूर अभिनेता मोहन बाबू की बेटी हैं और उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत अमेरिकी टेलीविजन शो ‘लास वेगास’ से की थी। सुदामा/ईएमएस 08 मई 2025