पिछले वेतन की 50 प्रतिशत राशि तीन सप्ताह में देने निर्देश जबलपुर, (ईएमएस)। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने आपराधिक प्रकरण में दोषमुक्त होने के बावजूद विभागीय जांच में दंडित करने को अनुचित पाया। इसी के साथ अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश निरस्त कर दिया। साथ ही पिछले वेतन की 50 प्रतिशत राशि तीन सप्ताह में प्रदान करने के निर्देश दे दिए। याचिकाकर्ता रायजसेन निवासी निरंजन सिंह कौरव की ओर से पक्ष रखा गया। दलील दी गई कि वह मप्र ग्रामीण बैंक में फील्ड अधिकारी के रूप में बरेली, जिला रायसेन में पदस्थ था। उनके व शाखा प्रबंधक के विरुद्ध किसान क्रेडिट कार्ड के नवीनीकरण के एजव में रिश्वत मांगने की शिकायत लोकायुक्त में कराई गई थी। लोकायुक्त ने शिकायत पर कार्यवाही करते हुए छापेमारी की कार्यवाही की थी। जिसके बाद पांच हजार रुपये की रिश्वत लेने की एफआइआर दर्ज की गयी थी। लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेने के कारण प्रकरण दर्ज किये जाने के आधार पर विभागीय जांच संस्थित कर दी गई। याचिकाकर्ता ने नोटिस का जवाब दिया। इसके बावजूद गवाहों का परीक्षण न करते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्त कर दिया गया। जिसके विरुद्ध अपीलीय प्राधिकरण की शरण ली। जहां से अपील निरस्त कर दी गई। लिहाजा, हाई कोर्ट आना पड़ा। सुनील साहू / मोनिका / 08 मई 2025/ 05.57