बक्सर (ईएमएस)। बिहार के बक्सर जिले में शिक्षा विभाग से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा की गई समीक्षा बैठक में चौसा, ब्रह्मपुर और सिमरी के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों (बीईओ) की जवाबदेही तय की गई, जहां फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति और लगातार अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों का मामला सामने आया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर जिलाधिकारी ने तीनों बीईओ का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। जिला शिक्षा विभाग की आंतरिक जांच में यह खुलासा हुआ कि एक ही फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर 11 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। बिना वैध प्रमाणपत्रों के वर्षों से नौकरी कर रहे इन शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करने और अब तक मिले वेतन की वसूली का निर्देश दिया गया है। बैठक में जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को लंबित नियोजन मामलों का शीघ्र निष्पादन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। इसके साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को टोला सेवकों और तालीमी मरकज की गतिविधियों की गहन जांच करने का आदेश दिया गया। डीएम ने स्पष्ट कहा कि अनियमितता पाए जाने पर दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी। - स्कूल बसों पर भी होगी कार्रवाई अवैध रूप से संचालित हो रहे स्कूल वाहनों पर भी जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि बिना वैध परमिट और फिटनेस प्रमाणपत्र के चल रही स्कूल बसों की पहचान कर उनके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। - एमपी उच्च विद्यालय बनेगा मॉडल स्कूल बैठक में एमपी उच्च विद्यालय, बक्सर को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने की योजना की समीक्षा की गई। विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा दी गई जानकारी असंतोषजनक पाए जाने पर उनसे भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। मॉडल स्कूल परियोजना को प्रभावी बनाने के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।