राज्य
08-May-2025
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* पानी लगभग 200 मीटर दूर जाने से बोटिंग और कॉटेज बुकिंग बंद कोरबा (ईएमएस) राज्य की अति लब्धख्याति कोरबा जिले की जीवनदायनी हसदेव नदी पर एतमानगर स्थित हसदेव बांगो बहुउद्देशीय परियोजना के जल संग्रहण हेतु बनाये गए बांगो बाँध के भरण जल स्तर में निरंतर देखी जा रही कमी ने बेहद चिंता उत्पन्न कर दी हैं। क्योंकि इस परियोजना में नहरों का जाल बिछाकर एक और जहां उद्योगिक स्थापनाओं को आवश्यकताओं के अनुरूप जल उपलब्ध कराया जाता हैं। वही दुसरी और इस परियोजना का जल कोरबा स्थित वृहद ताप विद्युत परियोजना की जल मांग को भी पूरा करता हैं, सर्वाधिक महत्वपूर्ण लाभ सिचांई के रूप में कृषि कार्य में भी किया जाता हैं। इस बहुउद्देशीय जल परियोजना में जल भराव की स्थिति ऐसे ही घटती रही तो सारी विकास की योजनाए बेहद संकट से घिर जाएंगी। घटते जल स्तर के संबंध में अधिकृत तौर पर तो कोई जानकारी सुलभ नहीं कराई गयी हैं, किंतु अपुस्ट और अविश्वसनीय इन जानकारियो को आधारहीन भी नहीं कहा जा सकता। अभी जो जानकारी मिल रही हैं, उसके अनुसार बाँध के जल स्तर में लगभग 7 मीटर तक की कमी आना बताया जा रहा हैं परिणामतः जल भराण का क्षेत्रफल भी चिंताजनक ढंग से 200 मीटर तक सिकुड़ जाना बताया जा रहा हैं। बताया जा रहा हैं की कोरबा जिले के हसदेव बांगो बांध का जलस्तर पिछले साल की तुलना में 7 मीटर तक गिर गया है। वर्तमान में बांध का जलस्तर 341.51 मीटर है, जो पिछले साल इसी समय 348.90 मीटर था। बांध में केवल 27.33 प्रतिशत पानी का भराव बचा है। इस जलस्तर में कमी का सीधा असर क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन केंद्र सतरेंगा और बुका पर भी पड़ा है। पानी कॉटेज से 200 मीटर से अधिक दूर चला जाने के कारण वन विभाग ने कॉटेज की बुकिंग बंद कर दी है। सतरेंगा में मोटर बोटिंग पूरी तरह बंद है। पर्यटकों को केवल ग्रामीण नावों से घुमाया जा रहा है। बुका में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। पानी कम होने से कई ठूंठ बाहर निकल आए हैं। सुरक्षा कारणों से यहां सिर्फ एक मोटर बोट का संचालन हो रहा है। वन मंडल कोरबा के एसडीओ आशीष खेलवार के मुताबिक, जलस्तर बढ़ने पर ही कॉटेज की बुकिंग फिर से शुरू की जाएगी। इस स्थिति का सबसे ज्यादा असर स्थानीय लोगों की आजीविका पर पड़ा है। स्व-सहायता समूह की महिलाएं जो पर्यटकों के लिए भोजन बनाती थीं, उनका व्यवसाय ठप्प हो गया है। नाव चलाने वाले ग्रामीणों को रोजगार के लिए अन्य स्थानों पर जाना पड़ रहा है। गर्मी का मौसम अभी बाकी होने से जलस्तर में और गिरावट की आशंका है। 08 मई / मित्तल