लेख
09-May-2025
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पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा एजेंट्स ने अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक वीडियो भी प्रसारित किया, जिसमें उसने सिखों को कहा है यदि भारत और पाकिस्तान के साथ युद्ध होता है तो सिख साथ ना दें भारत गुरू तेग बहादुर को हिन्द का चादर कहती है और गोविन्द सिंह को पूजती है क्योंकि उन्होंने इस्लाम धर्म को स्वीकार करने से मना कर दिया पहले मुग़ल काल में हिन्दू को ही बहुत तेजी से मुस्लिम धर्म में धर्मान्तरण करा रहा था तभी एक ॐ कार सतनाम का अलख लेकर गुरूनानक देव जी धर्म की रक्षा के लिए आए और कट्टरवादी और हिंसा को फैलने से रोका उसके बाद सबों गुरू ने उनके मार्गदर्शन पर चले उस समय हिन्दू ही जो अलग अलग जाति में बंटकर डर से इस्लाम धर्म में धर्मान्तरण हो रहा था उन्ही को एक जुट किया और सवको बताया ईश्वर एक है अतः जो कट्टरवादी सोच से अपने को इस्लाम में परिवर्तन कर रहें वो ना करें ऐसा माना जाता है कि वो राम भक्त थे इसलिए गुरूग्रन्थ साहिब में भगवान राम का नाम कई बार आता है गुरु गोविन्द सिंह कहते हैं सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं ये वाक्य गुरु गोबिंद सिंह जी के साहस और वीरता को दर्शाता है। इसका अर्थ है कि अगर मैं सवा लाख लोगों से अकेला भी लड़ूं, तो भी मैं बाज को चिड़ियों से भी श्रेष्ठ बना दूंगा, तभी मेरा नाम गुरु गोबिंद सिंह कहलाएगा। यह वाक्य सिख धर्म में वीरता और बलिदान की भावना को दर्शाता है। यह वाक्य गुरु गोबिंद सिंह जी की वीरता और साहस को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह दर्शाता है कि अगर कोई व्यक्ति लक्ष्य निर्धारित कर ले, तो वह कितना भी कठिन क्यों न हो, उसे प्राप्त करके रहता है। यह वाक्य भारत की वीर परंपरा का प्रतीक भी है। दो अतः सारा हिदुस्तान ही गुरू के आदर्श च उनकी महानता पर गर्व करता है जो कहा है गुरू गोविन्द सिंह जी ने कहा है सुरा सो पहचानिए, जो लड़े दीन के हेत पुर्जा पुर्जा कट मरे, कभौ न छड्डे ख़ेत यानि बहादुर वही है जो गरीबों के लिए लड़ता है । चाहे वह टुकड़े-टुकड़े हो जाए, चाहे मारा जाए, लेकिन खेत नहीं छोड़ना चाहिए। यानी देश और धर्म दो ऐसी चीज है जो जान से बढकर है उसके लिए यदि प्राण भी देना पड़े तो दे भारत ने पाकिस्तान को करारा जबाब दे दिया और आतंकवादी का चेहरा भी सबके सामने दिखा दिया अतः किसी भी धर्म की आड़ में आतंक फ़ैलना उस धर्म की प्रति लोगों में नफरत होने लगती है जबकी स्थिति उसकी उल्टी है मानवता और भाईचारा सभी धर्मों का सार है पहले अच्छा इंसान बनने की कोशिश करें और किसी के बहकावे में ना आएं क्योंकि वो आपका गुरु नहीं है गुरू हमेशा हमें अहिंसा और मानवता का संदेश देता है भारत के सैन्य कार्यवाही से देश अब धर्म की आड़ में भटकने वाला नहीं है आतंकवादी का क़ोई धर्म नहीं है वो आपका उस धर्म को भी बदनाम करता जिसने उसे जीने की सच्ची राह दिखलाई है और आतंकवादी का अंत भी बुरा होता है भगवान या ईश्वर एक है जो न्यायकर्ता है : युद्ध में अपना फाइदा नफा नुकसान नहीं सोचना चाहिए देश सर्वोपरि है ऐ सोचिये की हमारे देश के वीर जवान देश के लिए शहीद होने के लिए तैयार हैं आगे जो आएगा वहीं भारत माता का असली सपूत होगा :भारत शांति प्रिय देश रहा है लेकिन भगवान श्री राम ने भी अन्याय के खिलाफ युद्ध किया अतः युद्ध हमारे लिए देश की प्रतिष्ठा का सवाल है। देश के लिए जीना देश के लिए मरना यही भगवान राम का आदर्श है।जो ना तो किसी धर्म से बंधे थे राम नाम सत्य हैं क्योंकि हमेशा उन्होंने सत मार्ग का जो रास्ता दिखाया है वो हमेशा प्रेरणा दायक रहा है और आतंकवादी के गढ़ में घुस कर भारत के जवानों ने जो हिम्मत दिखाया है उस वीर सेनानी को नमन भारत माता की जय प्रभु राम के सम्मान की जय और 140करोड़ हिंदुस्तान के देशवासियों के देश के प्रति एकजुट होने को सलाम जय हिन्द। जय हिन्द की सेना भारत की एकता ही सबसे बड़ी शक्ति है चाहे वो किसी भी धर्म का हो इंसान है और भारत से प्रेम है. ईएमएस / 09 मई 25