हर परिस्थति में सेना और सरकार के साथ खड़े रहे लोग जबलपुर, (ईएमएस)। पहलगाम हमले से लेकर सीजफायर के ऐलान तक देश में जिस तरह की परिस्थितियां बनीं उसका प्रत्यक्ष असर जबलपुर में भी देखने को मिला. जंग के हालात में जबलपुर शहर ने एकता, समझदारी, समन्वय और गंभीरता का परिचय दिया. पहलगाम में हुये आतंकी हमले के बाद जबलपुर शहर में हर धर्म, समाज, राजनीतिक विचारधारा के व्यक्ति ने घटना की सड़क पर आकर निंदा की और भारत सरकार से पाकिस्तान पर कार्यवाही की मांग की. वहीं जब भारत ने 7 मई को पाकिस्तान पर हमला किया तो पूरा शहर जश्न में डूब गया. फिर जब जंग के हालात बने और जबलपुर संवेदनशील शहरों में गिना गया, तब शहर ने गृह मंत्रालय, प्रदेश शासन और जिला प्रशासन से आए हर आदेश और निर्देश को गंभीरता से लिया और प्रशासन का सहयोग किया. पहलगाम हमले के बाद से लेकर भारत पाकिस्तान सीजफायर के ऐलान तक जबलपुर वासियों ने जिस जिम्मेदारी और गंभीरता का परिचय दिया, उसने संस्कारधानी कहे जाने वाले शहर को पूरे प्रदेश में गौरवांवित किया गया. जबलपुर ने एक बार फिर यह पूरे देश को दिया है, की हर परिस्थिति से निपटने तैयार है जबलपुर. पहलगाम हमले का चौतरफा विरोध... 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद जबलपुर के हर हिस्से में आतंक के खिलाफ प्रदर्शन हुए. रांझी, सदर, मंडी मदार टेकरी, गोहलपुर, दमोहनाका, नेपियर टाउन से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक हर जगह प्रदर्शन हुए. सब ने एक आवाज में कहा हम आतंक के खिलाफ भारत सरकार के साथ है. सेना के साथ संस्कारधानी... 7 अप्रैल को जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर हमला किया, आतंक के ठिकाने नष्ट किये तो जबलपुर के हर खास ओ आम ने उस फैसले का स्वागत किया. जिसके बाद जंग के हालात बने, तब हर शहरवासी ने कहा हम भारतीय सेना के साथ हैं. प्रशासन ने सिविल डिफेंस मॉकड्रिल की उसमें जबलपुर वासियों ने सहयोग किया. वहीं ब्लैक आउट मॉकड्रिल में पूरे शहर ने लाईटें बंद कीं. सिविल डिफेंस वारियर बनने उमड़ा जन सैलाब... विषम परिस्थितियों में राहत कार्य के लिये जिला प्रशासन ने सिविल डिफेंस वालेंटियर्स की भर्ती शुरु की. तब उम्मीद से पार हजारों की संख्या में जिले के सभी थानों में पहुंच कर युवाओं ने सिविल डिफेंस वालेंटियर्स बनने के लिये आवेदन किया. सुनील साहू / शहबाज / 12 मई 2025/ 05.37