12-May-2025


धनबाद(ईएमएस)।उत्पाद विभाग ने धनबाद सहित पूरे झारखंड में 56 शराब बनाने वाली कंपनियों के 700 से भी अधिक ब्रांड को बेचने की स्वीकृति दी है, लेकिन उत्पाद विभाग से संचालित शराब की दुकानों में चुनिंदा ब्रांड ही बेचे जा रहे हैं। हालात यह है कि ब्रांडेड शराब काउंटर से गायब है। जिले में शराब के शौकीनों को मनचाहे ब्रांड की शराब नहीं मिल रही है। शराब दुकानों में जेएसबीसीएल को सभी ब्रांड की शराब आपूर्ति करने का जिम्मा है। राजस्व का हवाला देते हुए दुकानों में सभी ब्रांड की शराब उपलब्ध कराने के लिए जेएसबीसीएल को पत्र लिखा गया है।शराब ही नहीं आमतौर पर चलन वाली बीयर भी सरकारी दुकान पर नहीं मिल रही। 210 रुपए से लेकर 150 रुपए तक मिलने वाली बीयर काउंटर से गायब है। दुकानों में अव्यवस्था और मनमानी का आलम यह है कि ब्रांडेड तो दूर रेगुलर बीयर भी दुकानों में लोगों को गर्म दी जा रही है। दुकानदार बताते हैं कि बिजली सुचारू नहीं होने के कारण फ्रीजर काम नहीं करता। इसलिए सभी को ठंडी बीयर नहीं मिल पाती।जिलेभर में तीन वर्षों से शराब दुकानों में ओवररेटिंग का खेल चल रहा है, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं होती। वर्ष 2024 में मुख्यालय के कहने पर इक्के-दुक्के दुकानों पर कार्रवाई हुई। शराब से लेकर बीयर तक प्रति बोतल 10 रुपए से लेकर 40 रुपए तक अधिक वसूले जाते हैं। कार्रवाई के नाम पर दुकानदारों को निकाल बाहर किया जाता है। दुकानदार कहते हैं कि हमें वेतन नहीं मिलता, ओवररेटिंग अधिकारियों के कहने पर करते हैं।खुदरा शराब दुकानों को 30 जून तक का एक्सटेंशन दिया गया है। एजेंसी अब 30 जून तक खुदरा शराब दुकानों का संचालन करेगी। जेएसबीसीएल ने इस संबंध में पत्र जारी किया है। उत्पाद विभाग के वरीय अधिकारी बताते हैं कि नई उत्पाद नीति के तहत संभव है कि जुलाई से इसे निजी हाथों में सौंपा जाएगा। कर्मवीर सिंह/12मई/25