तेहरान,(ईएमएस)। ईरान ने अमेरिका की उस अपील को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें तेहरान से अपने परमाणु ढांचे को पूरी तरह खत्म करने की मांग की गई थी। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने अमेरिका से साफ शब्दों में कहा कि देश अपने शांतिपूर्ण परमाणु अधिकारों से पीछे नहीं हटेगा और यह मांग हम स्वीकार नहीं करेंगे। ओमान की राजधानी मस्कट में जारी ईरान-अमेरिका के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता के चौथे दौर के बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बताया कि बातचीत अब सामान्य विषयों से आगे बढ़कर विशिष्ट प्रस्तावों पर केंद्रित है। उन्होंने बातचीत को “सकारात्मक लेकिन जटिल” बताया। इस बातचीत में ओमान मध्यस्थता कर रहा है और इसका उद्देश्य 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करना है। 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा परमाणु समझौते से एकतरफा रूप से बाहर निकलने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। इसके बाद ईरान ने भी अपनी कई परमाणु प्रतिबद्धताओं से पीछे हटना शुरू कर दिया था। बातचीत से पहले अमेरिका के विशेष दूत ने ईरान से नतांज, फोर्डो और इस्फहान जैसी परमाणु सुविधाओं को बंद करने की मांग की थी। अमेरिका का सुझाव था कि ईरान को समृद्ध यूरेनियम का आयात करना चाहिए, न कि खुद उसका उत्पादन करना। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और इसमें रेडियोफार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य सेवा, कृषि और उद्योग जैसे क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने याद दिलाया कि ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई पहले ही फरमान जारी कर चुके हैं, जो परमाणु हथियारों के विकास को प्रतिबंधित करता है। बातचीत की अगली तारीख तय नहीं है, लेकिन दोनों पक्षों ने संवाद जारी रखने की इच्छा जताई है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंच सकते हैं या फिर तनाव और बढ़ेगा। सिराज/ईएमएस 13 मई 2025