राष्ट्रीय
14-May-2025


पुणे में व्यापारियों ने तुर्की से आयातित सेबों की बिक्री पूरी तरह की बंद उदयपुर,(ईएमएस)। भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का असर कूटनीतिक दायरे तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका प्रभाव देश के व्यापारिक वर्ग और आम लोगों के फैसलों में भी साफ झलकने लगा है। तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने के बाद देशभर में बॉयकॉट तुर्की अभियान चलाया जा रहा है। महाराष्ट्र के पुणे से लेकर राजस्थान के उदयपुर तक व्यापारियों ने तुर्की से आयातित वस्तुओं का बहिष्कार कर तुर्की को आर्थिक मोर्चे पर जवाब देने का मन बना लिया है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि महाराष्ट्र के पुणे में व्यापारियों ने तुर्की से आयात होने वाले सेबों की बिक्री पूरी तरह बंद कर दी है। बाजारों से ये सेब गायब हो गए हैं और ग्राहकों ने भी इसका बहिष्कार कर दिया है। हर साल पुणे के फलों के बाजार में तुर्की सेबों की हिस्सेदारी करीब 1,000 से 1,200 करोड़ की होती है, लेकिन अब यह कारोबार ठप हो गया है। पुणे के एपीएमसी मार्केट में सेब व्यापारी ने बताया कि तुर्की से सेब मंगवाना बंद कर दिया है। अब हम हिमाचल, उत्तराखंड, ईरान और अन्य स्रोतों से सेब मंगा रहे हैं। यह फैसला देशभक्ति की भावना से प्रेरित है और सरकार के समर्थन में लिया गया है। एक अन्य फल व्यापारी ने कहा कि तुर्की सेबों की मांग में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है और उपभोक्ता अब खुलकर उनका बहिष्कार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने भी इस बहिष्कार का समर्थन किया है। एशिया के सबसे बड़े मार्बल व्यापार केंद्र के रूप में पहचाने जाने वाले उदयपुर के व्यापारियों ने तुर्किये से मार्बल का आयात बंद करने का फैसला किया है। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि कमेटी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया कि जब तक तुर्किये पाकिस्तान का समर्थन करता रहेगा, तब तक उससे व्यापार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत में आयात होने वाले कुल मार्बल का करीब 70 फीसदी हिस्सा तुर्किये से आता है, लेकिन अब यह आयात बंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सिर्फ उदयपुर ही नहीं, बल्कि देशभर की सभी मार्बल एसोसिएशन तुर्किये से व्यापार बंद कर दें तो यह वैश्विक स्तर पर एक मजबूत संदेश जाएगा कि भारत सरकार अकेली नहीं है, बल्कि देश की इंडस्ट्री और आम लोग भी सरकार के साथ खड़े हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह निर्णय न सिर्फ तुर्किये को जवाब देने के लिए है, बल्कि भारतीय मार्बल उद्योग को भी नया अवसर देगा। बता दें भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव में तुर्किये के रुख ने भारतीय व्यापारियों को नाराज किया है। तुर्की अक्सर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है। ऐसे में उदयपुर के मार्बल व्यापारियों द्वारा उठाया गया यह कदम सिर्फ एक आर्थिक फैसला नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है कि भारत अब हर स्तर पर अपने विरोधियों को जवाब देने के लिए तैयार है। सिराज/ईएमएस 14मई25 ------------------------------