क्षेत्रीय
17-May-2025
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गरियाबंद(ईएमएस)। देवभोग विकासखंड के डूमरपीटा गांव का 23 वर्षीय दिव्यांग युवक कल्याण सिंह आज भी सरकारी पहचान के अभाव में जिंदगी की जद्दोजहद से जूझ रहा है। जन्म से ही हाथ-पांव की उंगलियों से वंचित कल्याण का आधार कार्ड आज तक नहीं बन पाया, जिससे उसे किसी भी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल सका है। कल्याण की मां गंगा देवी बताती हैं कि बेटे ने दस से ज्यादा बार आधार बनवाने की कोशिश की, लेकिन हर बार सिस्टम ने उसे अस्वीकार कर दिया। अंगुलियों और अंगूठे की अनिवार्यता ने उसका हक छीन लिया है। बिना आधार कार्ड के उसे स्कूल में भी दाखिला नहीं मिला, जिससे उसने ओपन स्कूल से 10वीं और 12वीं की परीक्षा जैसे-तैसे पूरी की। अब कॉलेज में दाखिला भी आधार के बिना संभव नहीं हो पा रहा है। सबसे बड़ी निराशा उसे तब हुई जब हाल ही में आयोजित सुशासन तिहार शिविर में भी उसे खाली हाथ लौटना पड़ा। प्रशासन ने थंबनेल न होने का हवाला देकर उसे सहायता देने से इनकार कर दिया। अब कल्याण ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। उसने कहा है कि वह अपनी समस्या को पत्र लिखकर सीधे सरकार के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाएगा। फिलहाल 60% दिव्यांगता प्रमाणपत्र के साथ कल्याण मदद की उम्मीद में भटक रहा है, लेकिन आधार कार्ड के बिना उसका “कल्याण” कब होगा, यह सवाल अब भी अनुत्तरित है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)17 मई 2025