क्षेत्रीय
17-May-2025
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मासिक आय हुई करीब 4 से 5 लाख रुपये पहले मजदूरी करके होता था परिवार का गुज़ारा नरसिंहपुर (ईएमएस)। अभावग्रस्त परिवार में तंगी का जीवन जी रही जिले के सांईखेड़ा की श्रीमती ग्यारसी प्रजापति खुद को असहाय महसूस कर रही थी। उनके परिवार में उनके पति और परिवार के अन्य सदस्य खेती, मजदूरी और मटका व मूर्ति बनाकर अपने परिवार का भरण- पोषण करते थे। उनका बालक भी मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण में सहायता करता था। श्रीमती प्रजापति बताती हैं कि मजदूरी और अन्य कार्यों से उनके परिवार को लगभग 50 से 60 हजार रुपये साल भर में मिल पाते थे। इतने कम पैसों से घर चलाना बहुत मुश्किल होता था। कभी कभी तो उन्हें और उनके परिवार को लोगों से ब्याज पर ऋण लेने की नौबत भी आ जाती थी , जिसे चुकाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। श्रीमती ग्यारसी प्रजापति अच्छे भविष्य का सपना अपनी आँखों में देख रही थी। एक समय था श्रीमती प्रजापति कभी अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए संघर्ष कर रही थी, लेकिन आज वह लखपति दीदी बन चुकी हैं। ये सब मुमकिन हुआ मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वसहायता समूह के माध्यम से जिसने श्रीमती प्रजापति को इसके लिए मदद की। श्रीमती प्रजापति बताती हैं कि उन्हें सहायक विकासखंड प्रबंधक आजीविका मिशन के माध्यम से आजीविका मिशन से जुड़ने की सलाह दी गई।स्वसहायता समूह से जुड़कर होने वाले लाभ के बारे में बताया गया। इससे प्रेरित होकर वह बजरंग स्वसहायता समूह से जुड़ी। उनके समूह में 10 से 11 महिलायें हैं। समूह ने छोटी- छोटी बचत करना शुरू किया। उनके समूह को कैंनरा बैंक के माध्यम से 6 लाख रुपये का लोन दिया गया। श्रीमती ग्यारसी बाई के मन में एक विचार आया कि उनका बेटा मिस्री का काम करता है। उन्होंने अपने बालक के लिए स्वसहायता समूह से 4 लाख रुपये लिये। इस राशि से उन्होंने मिक्चर मशीन की खरीदी गई। मिक्चर मशीन आ जाने से उनके बेटे को निर्माण कार्य के काम मिलने लगे। उन्होंने सड़क निर्माण, नाली निर्माण एवं अन्य मकान संबंधी कार्यों में मिक्चर मशीन से मसाला बनाने का कार्य मिलने लगा। इसके बाद उन्होंने मिक्चर मशीन को लाने- ले जाने के लिए ट्रेक्टर खरीदा। श्रीमती प्रजापति बताती हैं कि साधारण दिनों में उन्हें मिक्चर मशीन के माध्यम से 20 हजार रुपये की मासिक आय हो जाती है।जब ज़्यादा काम मिल जाता है तो लगभग हजार रुपये महिने में कमा लेती हैं। पहले जहां साल भर में कड़ी मेहनत करने के बाद केवल 50 से 60 हजार ही कमा पाती थी, अब उनकी सालाना कमाई 4 से 5 लाख रुपये हो गई है। उनका पूरा कर्जा भी चुकता हो गया है। श्रीमती प्रजापति कहती हैं कि अब परिवार की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हो गया है। उन्हें अब स्थायी स्वरोजगार प्राप्त हो गया है। इससे वे अपना और अपने परिवार का भरण- पोषण अच्छे से करती हैं। इसके लिए वे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद देते हुए आजीविका मिशन की सराहना करती हैं। ईएमएस/17/05/2025