18-May-2025


-छात्रों को प्रमाण-पत्र पाने नहीं करना होगा लंबा इंतजार भोपाल,(ईएमएस)। बी.फार्मा और एम.फार्मा करने वाले छात्रों को प्रमाण-पत्र पाने के लिए अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मप्र फार्मेसी काउंसिल में व्यवस्थागत सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अब काउंसिल स्वयं अपना रजिस्ट्रार नियुक्त करेगी। यह निर्णय हाल ही में हुई 119वीं बैठक में लिया गया। अभी तक छात्र ऑनलाइन आवेदन के बावजूद एक से डेढ़ साल तक प्रमाण-पत्र का इंतजार करते रहे हैं, जिससे न केवल उनका समय खराब होता था, बल्कि करियर पर भी असर पड़ता था। अब नए फैसले से इस प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। जहां तक रजिस्ट्रार की नियुक्ति का सवाल है तो अब फार्मेसी काउंसिल एक पैनल तैयार कर विभागीय अधिकारी को भेजेगी, जिसके माध्यम से बी.फार्मा या डी.फार्मा डिग्रीधारी को फुल टाइम रजिस्ट्रार बनाया जाएगा। इससे पहले यह प्रक्रिया पूरी तरह से राज्य सरकार के अधीन थी। अब काउंसिल की भूमिका बढ़ेगी, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति दोनों आएगी। चार साल का होगा कार्यकाल फार्मेसी एक्ट 1948 की धारा 26 के तहत यह व्यवस्था लागू होगी। इसके अनुसार, रजिस्ट्रार की नियुक्ति राज्य सरकार की अनुमति से की जाएगी और पहली बार गठित होने के चार साल तक रजिस्ट्रार राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा, जो सरकार की इच्छा तक पद पर बना रहेगा। केंद्र को भी भेजी गई जानकारी इस निर्णय की जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय को भी भेजी गई है। साथ ही, सभी राज्य सरकारों को इस बारे में सर्कुलर जारी कर दिया गया है, जिसमें 9 सितंबर 1997 के पुराने आदेश और फार्मेसी एक्ट की प्रासंगिक धारा का हवाला दिया गया है। हिदायत/ईएमएस 18मई25