18-May-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली के मशहूर सरोजिनी नगर मार्केट में 17-18 मई की दरम्यानी रात एक ऐसी घटना हुई, जिसमें सैकड़ों दुकानदारों की नींद उड़ा दी। रात के अंधेरे में अचानक न्यू दिल्ली नगरपालिका परिषद ने सैकड़ों पुलिसवालों और तीन जेसीबी मशीनों के साथ मार्केट में हुए अतिक्रमण पर धावा बोल दिया। बिना किसी पूर्व सूचना के शुरू हुई इस बुलडोजर कार्रवाई ने दुकानदारों को सकते में डाल दिया। दुकानदारों का आरोप है कि यह कार्रवाई गैरकानूनी थी और अनाधिकृत वेंडरों की मिलीभगत से की गई। हर रोज की तरह मार्केट बंद होने के बाद रात 12 बजे एनडीएमसी के दर्जनों कर्मचारी, दिल्ली पुलिस के सैकड़ों जवान और अधिकारी अचानक सरोजनी नगर पहुंचे। तीन जेसीबी मशीनों ने दुकानों के बाहर अतिक्रमण हुए हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया। जब तक दुकानदारों को इसकी भनक लगी, तब तक कई दुकानों को नुकसान पहुंचाया जा चुका था। सरोजिनी नगर मार्केट के दुकानदार अपनी दुकानों को बचाने के लिए मौके पर पहुंचे और कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। उल्टा बीच में आने वालों को पुलिस ने डंडों से पीटकर भगा दिया गया। सरोजिनी नगर मार्केट में मेन और मिनी मार्केट मिलाकर करीब 450 मुख्य दुकानें हैं। इसके अलावा, 628 ऑथराइज्ड रेहड़ी-पटरी दुकानें हैं, उन्हें कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है। सरोजिनी नगर मार्केट के दुकानदारों का कहना है कि 1952 में स्थापित इस मार्केट में ज्यादातर दुकानें पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को दी गई थीं, जिन्हें नीचे दुकान और ऊपर मकान आवंटित किया गया था। दुकानदारों ने सवाल उठाया कि जब उनकी दुकानें कानूनी हैं, तो बिना नोटिस के यह कार्रवाई क्यों? उनका आरोप है कि अनधिकृत वेंडरों के साथ साठगांठ कर एनडीएमसी ने यह गैरकानूनी कदम उठाया। सरोजिनी नगर मिनी मार्किट के प्रेसिडेंट अशोक रंधावा ने एनडीएमसी की इस कार्रवाई को गैरकानूनी बताते हुए जांच की मांग की है। उनका कहना है कि अगर नियमों का उल्लंघन था तो पहले नोटिस क्यों नहीं दिया गया? अनाधिकृत वेंडरों पर कार्रवाई के नाम पर कानूनी दुकानों को क्यों निशाना बनाया गया? लोग अब इस कार्रवाई के पीछे की सच्चाई जानना चाहते हैं। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली /ईएमएस/18/ मई /2025