विकास कार्यों पर 10700 अरब से ज्यादा करना होगा खर्च इस्लामाबाद,(ईएमएस)। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने अपने राहत कार्यक्रम की अगली किस्त जारी करने के लिए पाकिस्तान पर नई शर्तें लगाई हैं। इसके साथ ही आईएमएफ ने पाकिस्तान को चेताया है कि भारत के साथ तनाव के बीच योजना के राजकोषीय, बाह्य और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ सकते हैं। रविवार को मीडिया में आई खबरों से पता चला है कि आईएमएफ ने ऐसी शर्तें लगाई हैं जिसके तहत उसे खर्च और बजट की सारी जानकारी आईएमफ को देनी होंगी। इसके अलावा विकास कार्यों पर 10700 अरब से ज्यादा खर्च करना होगा। ऐसे में सेना और आतंकियों पर खर्च करने वाला पाकिस्तान सकते में है। वह खुलकर सेना पर खर्च नहीं कर पाएगा। पाकिस्तान पर लगाई गई नई शर्तों में 17,600 अरब रुपए के नए बजट को संसद की मंजूरी, बिजली बिलों पर ऋण भुगतान अधिभार में वृद्धि और तीन साल से ज्यादा पुरानी कारों के आयात पर बैन को हटाना शामिल है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएमएफ द्वारा शनिवार को जारी कर्मचारी स्तर की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से इस कार्यक्रम के राजकोषीय, बाह्य और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो सप्ताह में पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव काफी बढ़ गया है, लेकिन अबतक, बाजार की प्रतिक्रिया मामूली रही है और शेयर बाजार ने अपने हाल के अधिकांश लाभ को बरकरार रखा है। आईएमएफ की रिपोर्ट में अगले वित्त वर्ष के लिए रक्षा बजट 2,414 अरब रुपए दिखाया गया है, जो 252 अरब रुपए या 12 फीसदी ज्यादा है। आईएमएफ के अनुमान की तुलना में पाक सरकार ने इस महीने की शुरुआत में भारत के साथ टकराव बढ़ने के बाद रक्षा क्षेत्र के लिए 2,500 अरब रुपए या 18 फीसदी ज्यादा आवंटित करने का संकेत दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएमएफ ने पाकिस्तान पर अब 11 और शर्तें लगाई हैं। इस तरह पाकिस्तान पर अबतक 50 शर्तें लगाई जा चुकी हैं। नई शर्तों के तहत अगले वित्त वर्ष के बजट के लिए संसद की मंजूरी शामिल है। आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान का कुल बजट आकार 17,600 अरब रुपए का है। इसमें से 1,0700 अरब रुपए विकास कार्यों पर खर्च किए जाएंगे। प्रांतों पर भी एक नई शर्त लगाई गई है। इसमें चार संघीय इकाइयां एक व्यापक योजना के जरिए नए कृषि आयकर कानूनों को लागू करेंगी, जिसमें रिटर्न प्रसंस्करण, करदाता पहचान और पंजीकरण, संचार अभियान और अनुपालन सुधार योजना के लिए एक परिचालन मंच की स्थापना शामिल है। इस शर्त के तहत प्रांतों के लिए समयसीमा जून तक है। एक और नई शर्त यह है कि सरकार आईएमएफ के संचालन में सुधार के आकलन की सिफारिशों के आधार पर कामकाज के संचालन की कार्रवाई योजना प्रकाशित करेगी। इसके अलावा सरकार 2027 के बाद की वित्तीय क्षेत्र की रणनीति की रूपरेखा तैयार करेगी और उसे प्रकाशित करेगी। आईएमएफ ने ऊर्जा क्षेत्र के लिए भी चार नई शर्तें लगाई हैं। सिराज/ईएमएस 18मई25 -------------------------------