20-May-2025
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वाशिंगटन (ईएमएस)। अगर जानकारों के बातों पर यकीन किया जाए तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका की कम अपने रिश्तेदारों की चिंता ज्यादा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि निजी स्वार्थो के चलते ही ट्रंप भारत विरोधियों के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। उनका पाकिस्तान के प्रति झुकाव अब केवल क्रिप्टोकरेंसी प्रोजेक्ट तक सीमित नहीं रहा है। अब सामने आया है कि डोनाल्ड ट्रंप के बेटे ट्रंप जूनियर के कॉलेज मित्र और शिकारी साथी जेंट्री बीच ने जनवरी में पाकिस्तान का दौरा किया था, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके मंत्रियों के साथ कई मुलाकातें कीं। पाक के अलावा, वे बांग्लादेश और फिर तुर्किये भी गए। ये मुलाकातें ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के 10 दिन बाद यानी 30 जनवरी को हुई थीं। वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल में डोनाल्ड ट्रंप जूनियर, एरिक ट्रंप और उनके बहनोई जेरेड कुश्नर की हिस्सेदारी है। ये सभी हाल के वर्षों में कई देशों में निजी व्यावसायिक सौदों की तलाश में सक्रिय रहे हैं और उन पर व्हाइट हाउस से मिले संपर्कों का लाभ उठाने के आरोप लगे हैं।जेंट्री बीच की इन गतिविधियों ने भारत में कई सवाल खड़े किए हैं, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए थे। ट्रंप के इस संकट के दौरान भारत और पाकिस्तान के प्रति तटस्थ रुख ने भी भारत में भौंहें चढ़ा दी थीं। बीच और ट्रंप जूनियर का रिश्ता पुराना है; दोनों 1990 के दशक में पेनसिल्वेनिया के व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस में एक साथ पढ़े थे। बीच की इन व्यापारिक गतिविधियों को भारत एक बड़े भू-राजनीतिक खेल के हिस्से के रूप में देख रहा है। खासकर तब, जब ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष में मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था। भारत ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित कोई भी मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से हल किया जाएगा। ट्रंप परिवार की भूमिका और विवाद जेंट्री बीच ट्रंप जूनियर के नजदीकी हैं और 2016 के चुनावों के लिए उन्होंने करोड़ों डॉलर जुटाने में मदद की थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में कैसे उन्होंने व्हाइट हाउस तक पहुंच बना ली थी और वेनेज़ुएला पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को कम करने के लिए लॉबिंग की थी ताकि अमेरिकी कंपनियां वहां व्यापार कर सकें। अब वही कहानी पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्किये में दोहराई जा रही है- जहां ट्रंप के साथी सौदेबाजी कर रहे हैं, पर राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी हो रही है।15 मई को रिपोर्ट में बताया था कि कैसे ट्रंप परिवार का क्रिप्टो प्रोजेक्ट वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल पाकिस्तान के साथ एक डील के केंद्र में है। यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान को दक्षिण एशिया की क्रिप्टो राजधानी बनाने के लक्ष्य से शुरू की गई है। इसके लिए पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिंल’ का गठन किया गया, जिसने बाइनेंस के संस्थापक चांगपेंग झाओ को सलाहकार नियुक्त किया। वीरेंद्र/ईएमएस 20 मई 2025