20-May-2025
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कुनार नदी पर बना रहा डैम काबुल (ईएमएस)। भारत के बाद अब अफगानिस्तान भी पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के प्रवाह को रोकने के लिए डैम बनाने की तैयारी कर रहा है। तालिबान सरकार के आर्मी जनरल मुबीन ने कुनार नदी पर बन रहे डैम का निरीक्षण किया। जनरल मुबीन ने तालिबान सरकार से इस डैम को बनाने के लिए धन जुटाने की अपील की। उन्होंने कहा- यह पानी हमारा खून है और हम अपने खून को अपनी नसों से नहीं बहने दे सकते। हमें अपने पानी को रोकना होगा। इससे हमारी बिजली की जरूरतें पूरी होंगी और हम अपनी खेती में इस्तेमाल करके पैदावार बढ़ाएंगे। तालिबान के जल और ऊर्जा मंत्रालय के प्रवक्ता मतीउल्लाह आबिद का कहना है कि इस डैम का सर्वे और डिजाइन तैयार हो चुका है, लेकिन इसे बनाने लिए पैसे की जरूरत है। तालिबान सरकार का दावा है कि यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो इससे 45 मेगावाट बिजली पैदा होगी और लगभग 1.5 लाख एकड़ खेती को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इससे अफगानिस्तान में ऊर्जा संकट और खाद्य सुरक्षा में सुधार होगा। पाक-अफगान में कोई समझौता नहीं 480 किलोमीटर लंबी कुनार नदी अफगानिस्तान के हिंदू कुश पर्वतों से निकलती है और काबुल नदी में मिलने के बाद पाकिस्तान में एंट्री करती है। यह पाकिस्तान का एक अहम जल स्रोत है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच काबुल नदी और इसकी सहायक नदियों के जल बंटवारे को लेकर कोई औपचारिक द्विपक्षीय समझौता नहीं है। पाकिस्तान पहले भी अफगानिस्तान की डैम परियोजनाओं पर चिंता जता चुका है, क्योंकि इससे उसके इलाके में आने वाली जल की आपूर्ति कम हो सकती है। काबुल नदी का जल प्रवाह घटेगा कुनार नदी पर डैम बनने से काबुल नदी के जल प्रवाह में 16-17 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। इससे पाकिस्तान की खेती और जल आपूर्ति पर बड़ा असर पड़ेगा। पाकिस्तान पहले ही भारत की तरफ से सिंधु जल संधि को स्थगित करने और चिनाब नदी पर डैम के स्लुइस गेट बंद होने की वजह से दबाव में है। ऐसे में कुनार नदी पर यह डैम बन जाता है तो उसका संकट और गंभीर हो जाएगा। भारत ने अफगानिस्तान में शहतूत और सलमा डैम जैसे प्रोजेक्ट को वित्तीय और तकनीकी मदद दी है। ये प्रोजेक्ट काबुल नदी पर हैं और पाकिस्तान के लिए जल आपूर्ति को प्रभावित कर सकती हैं।