पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर को बनाया फील्ड मार्शल इस्लामाबाद (ईएमएस)। भारत से मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान में जश्न का माहौल है। वहां की शहबाज सरकार जीत का दावा कर जनता को गलत सूचना के आधार पर पूरी तरह से बरगलाने में कामयाब रही। भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाक के कई सैन्य ठिकानों को क्षतिग्रस्त किया और आतंकी ठिकानों को तबाह किया। हालांकि, पाक ने इसके जवाब में अपने आर्मी चीफ (सेनाध्यक्ष) आसिम मुनीर का प्रमोशन कर दिया। पाकिस्तान की कैबिनेट ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल ज़हीर अहमद बाबर सिद्धू की सेवा अवधि भी सर्वसम्मति से बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान में फील्ड मार्शल का पद पाकिस्तानी सशस्त्र बलों में सर्वोच्च पद है। जनरल आसिम मुनीर देश के इतिहास में दूसरे फील्ड मार्शल बन गए हैं, इससे पहले अयूब खान 1959-1967 के बीच इस पद के कार्यरत थे। पाकिस्तान लगातार प्रोपेगेंडा वॉर कर रहा है। शहबाज सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है ताकि वह दुनिया को ये संदेश दे सके कि आर्मी चीफ मुनीर ने पाक को जीत दिला दी है। इसलिए उनका प्रमोशन किया गया है। लेकिन, सच्चाई इसके विपरीत है। क्योंकि भारत ने जहां-जहां चाहा वहां पाकिस्तान में घुसकर हमला किया और आतंकिस्तान कुछ भी नहीं कर सका। खास परिस्थतियों में बनाया जाता है फील्ड मार्शल पाकिस्तान में यह रैंक केवल खास परिस्थितियों में ही दी जाती है। पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ को फील्ड मार्शल का दर्जा देने की मांग की गई थी। इसे लेकर इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका भी दायर की थी। इसमें कहा गया था कि जनरल शरीफ के बेहतर काम के आधार पर उन्हें यह पद दिया जाए। हालांकि अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि उसके पास इस मामले में कोई निर्देश देने का अधिकार नहीं है।