समग्र ई केवायसी के कार्य में ३० कर्मचारियों की लापरवाही हुई उजागर, कार्य पूरा करने दिया सात दिनों का अल्टीमेटम छिंदवाड़ा (ईएमएस)। नगर पालिक निगम के कर्मचारियों द्वारा अपने कार्य में की जा रही लापरवाही के खिलाफ अब निगम आयुक्त एक्शन मोड में आ चुके है। निगम आयुक्त के एक साथ ३० कर्मचारियों के सेवा समाप्ति के आदेशों ने निगम में हडक़ंप मंचा दिया है। आयुक्त ने आदेश जारी करते हुए ३० लापरवाह कर्मचारियों को स्पष्ट कर दिया है कि अगर ७ दिनों के भीरत कार्य को पूर्ण नहीं किया जाता है तो कर्मचारियों की सेवा समाप्ति कर दी जाएगी। दरअसल नगर निगम आयुक्त चंद्रप्रकाश राय ने विगत दिनों निगम सभाकक्ष में राजस्व शाखा की बैठक ली गई थी। जिसमें आयुक्त द्वारा वार्डवार प्रतिदिन की गई। समग्र ई केवायसी की समीक्षा करते हुए लक्ष्य के अनुरूप प्रगति न पाए जाने पर निगमायुक्त ने सभी 48 वार्ड के सहायक राजस्व निरीक्षकों को फटकार लगाते हुए एक माह का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए थे। जिले के कलेक्टर शीलेंद्र सिंह द्वारा बैठकों में नगर निगम द्वारा किए गए कार्यो की सबसे कम प्रगति पर अप्रसन्नता व्यक्त की गई थी। इसके उपरांत निगम आयुक्त के द्वारा सोमवार को पुन: समग्र ई केवायसी की समीक्षा की गई। जिसमें आठ सहायक राजस्व निरीक्षकों को छोडक़र किसी भी वार्ड की ई केवायसी की प्रगति संतोषप्रद नहीं पाई गई। इस पर निगमायुक्त ने नाराजगी जाहिर की। निगमायुक्त ने कड़ी कार्यवाही करते हुए अन्य सहायक राजस्व निरीक्षकों को कार्य से पृथक करने का नोटिस जारी किया गया। इसके साथ ही शहर में निवास नहीं करने वाले, विवाह एवं मृत्यु हो चुके नागरिकों की सूची बनाकर उनकी आईडी पोर्टल से डीलिट कराने के निर्देश दिए गए। इन कर्मचारियों को जारी किया गया नोटिस आयुक्त द्वारा राहुल राजपूत, विनोद चेचकर, वीरेंद्र कटारिया, आसाराम रंगारे, राजेश सोनी, निलेश भट्ट, वासुदेव शर्मा, द्वारका पहाड़े, नीरज डगोर, मनोज चंद्रवंशी, अजय सनकत, संदीप राऊत, भुनेश सूर्यवंशी, मनोज आरगुडे, रमेश जाधव, सुशील युवनाती, क्रांति मालवी, राजेश सोनी, आशीष तिवारी, विशाल चौहान, समृद्ध औरंगाबादकर, अनिश चांडले, दीपक चौहान, दीपक सोनी, श्रीमती मीना सिहोते, रमेश मालवीय, राजेश सूर्यवंशी, अयूब शाह, रविंद्र सोलंकी, गौतम सिंह एवं युवराज वर्मा को 07 दिन के भीतर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। आयुक्त ने नोटिस जारी कर चेतावनी दी कि उक्त कर्मचारी यदि समय सीमा में शत प्रतिशत ई केवायसी पूर्ण नहीं करते है तो उनकी सेवा समाप्त की जाएगी। इसके साथ ही आयुक्त ने अन्य नियमित कर्मचारियों को निलंबन हेतु नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। समग्र से आधार की ई केवाईसी नहीं कराने से होगी असुविधा मध्य प्रदेश शासन की अधिकतम योजनाओं एवं शिक्षा से संबधित कार्यों में भी समग्र आईडी की आवश्यकता होती है। समग्र आईडी को सक्रिय रखने एवं योजनाओं का लाभ लगातार लेने के लिए समग्र का आधार से सत्यापन जरूरी होता है। उदाहरण के लिए सामाजिक पेंशन से लेकर आम नागरिकों द्वारा बनाए जाने वाले आय प्रमाण पत्र के लिए भी समग्र ई केवाईसी अनिवार्य होती है। इसी प्रकार स्कूल या कॉलेज में एडमिशन के लिए भी समग्र आईडी की आवश्यकता होती है। इस समग्र आईडी के आधार से लिंक न होने से आम नागरिक योजनाओं से वंचित रह सकते है। इसलिए सभी नागरिकों को समग्र ई केवाईसी कराना अनिवार्य है। ईएमएस/मोहने/ 20 मई 2025