21-May-2025
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-डीएससीआई ने पहली बार किया संयुक्त कार्यबल गठित नई दिल्ली,(ईएमएस)। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारतीय व्यवसायों पर नाटकीय रूप से साइबर हमले हो रहे हैं। उद्योग के अनुमान के मुताबिक साइबर हमलों में 1.5 से 3 गुना वृद्धि हुई है। हालांकि सरकारी एजेंसियों, उद्योग निकायों और निजी साइबर सुरक्षा फर्मों के बीच सहयोग से अधिकांश औद्योगिक संस्थान सेंधमारी के इन प्रयासों को विफल करने में सफल रहे हैं। नतीजतन इनका असर बहुत कम हुआ। डेटा सुरक्षा के लिए उद्योग के गैर-लाभकारी निकाय भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद (डीएससीआई) ने पहली बार निजी क्षेत्र की कंपनियों सहित अन्य हितधारकों के साथ संयुक्त कार्यबल गठित किया है, जिसका मकसद खतरे की खुफिया जानकारी के मूल स्रोत का पता लगाना और साइबर सुरक्षा के लिए समन्वित कार्रवाई करना है। इसे जवाबी कार्रवाई के हिसाब से सक्रिय किया गया, ताकि साइबर हमले की जानकारी साझा करने और बचाव के लिए उसी अनुरूप त्वरित प्रतिक्रिया देने में मदद मिली। नैसकॉम द्वारा स्थापित डीएससीआई नीति बनाने, क्षमता बढ़ाने और जागरूकता गतिविधियों के लिए सरकारों और उनकी एजेंसियों, नियामकों, उद्योग और उससे जुड़े संगठनों के साथ काम करता है। मीडिया रिपोर्ट में उद्योग जगत के सूत्र के हवाले से बताया गया है कि ऐसा पहली बार है जब हमने विभिन्न विभागों और निजी कंपनियों से इस तरह का एकजुट समर्थन और सूचनाओं के आदान-प्रदान की व्यवस्था देखी। डीएससीआई द्वारा गठित कार्यबल की ओर से खतरे वाले कारकों पर नियमित रूप से जानकारी साझा की गई ताकि जोखिम प्रोफाइल को लगातार अद्यतन किया जा सके। एक सुरक्षा फर्म के वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा कि बहुत सारी जानकारी साझा की जा रही थी, जिससे हमलों से निपटने में मदद मिली। अन्यथा हम वही करते जो हम करते आए हैं। जैसे हम अपने ग्राहकों की सुरक्षा तो करते, मगर उसमें व्यक्गित नजरिया अपनाते। अब कई लोगों द्वारा जानकारी साझा करने के कारण हमने अपनी जोखिम प्रोफाइल को अद्यतन करना शुरू कर दिया, जिससे पूरी तस्वीर बदल गई। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के मद्देनजर इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बैंकिंग, वित्तीय और बीमा क्षेत्र की कंपनियों को निशाना बनाने वाले साइबर हमलों के संबंध में परामर्श जारी किया था। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि विनियमित उद्योगों ने किसी भी व्यवधान से निपटने के लिए अपनी तैयारी की है और उपक्रम भी सक्रिय रहे। पीडब्ल्यूसी इंडिया में पार्टनर और लीडर ने कहा कि कंपनियां सक्रियता से साइबर हमलों को रोकने के उपाय करने में जुटी थीं। उन्होंने कहा कि कंपनियों ने जोखिम का पता लगाने, उससे निपटने, खतरों की जानकारी के लिए निगरानी बढ़ाने और कई आंतरिक एवं बाह्य हितधारकों के बीच बेहतर संवाद कायम करने जैसे कई उपाय लागू किए। कई लोगों ने अपने बुनियादी ढांचे को परखने के लिए साइबर सिमुलेशन ड्रिल भी आयोजित किया। कई कारोबारी समूहों ने फिशिंग की कोशिश और साइबर हमलों के बारे में अपने कर्मचारियों को सतर्क करते हुए ईमेल भेजे और सुरक्षित नेटवर्क के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कर्मचारियों को अनिवार्य तौर पर साइबर सुरक्षा नियमों का पालन करने का भी निर्देश दिया है। भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद एक अग्रणी समूह ने ईमेल भेजकर अपने कर्मचारियों को निर्देश दिया था, जिसमें कहा गया था कि काम से संबंधित कार्यों के लिए सार्वजनिक या असुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क जैसे होटल, हवाई अड्डे से कनेक्ट होने से बचें। जरूरत पड़ने पर अपने मोबाइल के हॉटस्पॉट का इस्तेमाल करें। कई कंपनियों ने कर्मचारियों को केवल अधिकृत और लाइसेंस प्राप्त सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने को कहा था, वहीं कुछ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को कार्यालय से संबंधित काम के लिए कंपनी द्वारा स्वीकृत सॉफ्टवेयर से लैस मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया। सिराज/ईएमएस 21 मई 2025