-सॉलिसिटर तुषार मेहता हुए पेश, कहा- मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की जाए इंदौर (ईएमएस)। नीट-यूजी रिजल्ट मामले में हाई कोर्ट में एनटीए की ओर से सॉलिसिटर तुषार मेहता वर्चुअल उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि इंदौर से जुड़े 24 सेंटरों के प्रभावित स्टूडेंट्स के लिए एक कमेटी गठित की जाए। कमेटी प्रभावित स्टूडेंट की व्यथा सुने और संबंधित स्टूडेंट का एग्जाम फिर से लेने या अन्य विकल्प देने का निर्णय ले। मामले में हाई कोर्ट ने 26 मई को अगली सुनवाई तय की है। बिजली गुल होने के कारण इंदौर के 25 एग्जाम सेंटर पर स्टूडेंट ठीक से पेपर हल नहीं कर पाए थे। याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि नीट यूजी मामले में उज्जैन के स्टूडेंट्स की याचिकाओं पर भी सुनवाई हुई है। इंदौर में दो घंटे तक लाइट गुल रही थी। जबकि उज्जैन में 40 से 45 मिनट तक बिजली बाधित हुई थी। यह बहुत बड़ा मामला है। इंदौर और उज्जैन के करीब 60 याचिकाकर्ता हैं। अभी और छात्र भी याचिका दायर करने की तैयारी में हैं। एनटीए ने माना बिजली बाधित रही नीट मामले में 13 याचिकाओं पर सुनवाई होना थी। भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की जवाब दिया। दोबारा परीक्षा की मांग पर उन्होंने कहा कि 24 सेंटर प्रभावित हुए हैं। हमने हाई कोर्ट से मांग की है कि इन सेंटर में से जो बच्चे चाहें उन्हें दोबारा मौका दिया जाए। जिससे छात्रों को सही मौका मिल पाए और वे अपनी क्षमता का परिचय दे सकें। एनटीए की ओर से जवाब देते हुए मेहता ने बताया कि हमने बहुत ही अच्छे ढंग से शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा का आयोजन किया है। इस पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ताओं के वकील मृदुल भटनागर ने कहा कि ये परीक्षा साधारण परीक्षा नहीं है, इसमें अनकट पॉवर स्पलाई देना थी, उसमें ये फेल हुए हैं। एनटीए ने अपने जवाब में ये बात मानी भी है कि कई सेंटर पर 10 मिनट से 1 घंटे 10 मिनट तक बिजली आपूर्ति बाधित रही है। एनटी ने यह भी कहा कि हम एक कमेटी बनाकर ये निर्णय लेंगे कि हमें दोबारा परीक्षा कराना है या नहीं कराना है। आगे की पूरी प्रक्रिया कमेटी तय करेगी। इसके लिए एनटीए ने 26 मई तक का समय मांगा है। पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने रोक लगाई थी पिछली सुनवाई में एनटीए ने हाई कोर्ट में जवाब पेश किया था। कोर्ट ने नीट-यूजी के रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। मामले में 25 से ज्यादा सेंटरों से जुड़े स्टूडेंट्स प्रभावित हुए हैं। जिनकी संख्या अब 50 से ज्यादा हो गई है। इनकी मांग है कि रिएक्जाम कराई जाए। याचिकाकर्ता के एड़वोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि याचिकाकर्ता पीडि़त स्टूडेंट्स काफी ज्यादा हैं। सभी ने अपनी परेशानियां बताई कि लाइट गुल होने पर कैसे उनके प्रश्नपत्र बिगड़े। उज्जैन में भी ऐसी स्थिति बनी थी। वहां के भी 5 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। ऐसे में आज हाई कोर्ट में रिज्वाइंडर पेश करने के लिए समय मांगा जाएगा। इसके साथ ही मांग की जाएगी कि जिन 25 सेंटरों के स्टूडेंट्स की परीक्षा प्रभावित हुई है उनकी रिएक्जाम कराई जाए ताकि उनका भविष्य खराब न हो। इन स्टूडेंट्स ने काफी मेहनत की है। इनमें से कई तीन-चार अटेम्ट वाले हैं। विनोद/ईएमएस/22/05/2025