नई दिल्ली(ईएमएस)। पाकिस्तान के लिए जासूसी और भारत से गद्दारी करने वालों की कमी नहीं है। ऐसा ही एक पाक प्रेमी कथित जासूस दबोचा गया है, जिसके पास पाकिस्तान के 600 मोबाइल नंबर मिले हैं जिस पर भारत का इनपुट शेयर किया जाता था। गिरफ्तार किए गए जासूस मो. तुफैल के मोबाइल से एटीएस को राष्ट्रविरोधी वीडियो, मैसेज, फोटो, मिले हैं। प्रयागराज में बस कंडक्टर पर धार्मिक नारेबाजी कर हमले से वह खासा प्रभावित था। अक्सर वह प्रयागराज की घटना को व्हाट्सएप ग्रुपों पर भेजकर उकसाने वाले संदेश भेजता था। अपने व्हाट्सएप पर स्टेटस लगाता था। पाकिस्तान के 600 नंबरों से मो. तुफैल के संपर्क में था। तुफैल इनपुट को शेयर करता था। इन नंबरों को एटीएस ने अन्य इंटेलिजेंस इकाइयों को सौंप दिया है। पाकिस्तान में इनकी गतिविधियां क्या है, ये किन-किन संगठनों से जुड़े हैं, पूरा विवरण सामने आएगा। साल 2023 में 24 नवंबर को प्रयागराज के सिविल लाइन से करछना जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक बस सेवा में सवार इंजीनियरिंग कॉलेज के बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र हाजीगंज सोरांव निवासी लारेब हाशमी ने कॉलेज गेट के सामने किसी बात पर कंडक्टर हरिकेश विश्वकर्मा से विवाद कर लिया था। इस दौरान चापड़ से हमलाकर उसे जख्मी कर दिया था। हमला करने के बाद चापड़ लहराते हुए धार्मिक नारे लगाये। वीडियो बनाकर पैगंबर साहब के अपमान का बदला लेने की बात कही थी। उक्त घटना का वीडियो, मैसेज मो. तुफैल अपने बनाये व्हाट्सएप ग्रुपों पर शेयर करता था।राजस्थान में हमले के वीडियो भी वह शेयर करता था। पाक सैनिक की पत्नी को भेजे उपहार तुफैल फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तान के फैसलाबाद निवासी नफीसा नाम की एक महिला के संपर्क में था, जिसका पति पाकिस्तान सेना में है। एटीएस और अन्य खुफिया इकाइयां फेसबुक आईडी के साथ ही उसके अन्य सोशल अकाउंट के बारे में छानबीन कर रही हैं। पता चला है कि तुफैल उक्त महिला को देश से जुड़ी स्मृतियों, घाटों आदि के वीडियो, फोटो भेजता था। उसने उसे नेपाल के रास्ते दो बार उपहार भी भेजे थे। मो. तुफैल ने वाराणसी में अलग-अलग कुल 19 व्हाट्सएप ग्रुप बनाये थे। इनमें 800 लोग जुड़े हैं, जो वाराणसी, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, भदोही के हैं। एटीएस ने इन ग्रुपों से जुड़े नंबरों को रडार पर लिये हैं। इनके बारे में निगरानी शुरू की गई है। 2018 में कट्टरपंथियों के संपर्क में आया एटीएस सूत्रों के अनुसार वह सात साल से कट्टरपंथियों के प्रभाव में था। 2018 में उसने पंजाब के सिरहिंद और कन्नौज में धार्मिक यात्रा की। इस दौरान वह विभिन्न धार्मिक नेताओं से मिला। इसके बाद उसका झुकाव कट्टरपंथी नेताओं की ओर होने लगा। 2018 में वह पाकिस्तान में प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़े कुछ लोगों से संपर्क में आया। इस संगठन के नेताओं के वीडियो वह गौर से सुनता था। भारत में शरियत कानून लागू करने, 2047 तक भारत पर मुस्लिम शासन के जरिये गजवा-ए-हिंद की स्थापना जैसे आंदोलनों में शामिल होने लगा था।मौलाना शाद रिजवी के वीडियो शेयर किये: पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से खासा प्रभावित मो. तुफैल कट्टरपंथी मौलाना शाद रिजवी के वीडियो शेयर करता था। मौलाना शाद के वीडियो शेयर कर वह लोगों से भारत विरोधी संगठनों से जुड़ने, एकजुट होने की अपील करता था। वीरेंद्र/ईएमएस/23मई 2025