राज्य
24-May-2025
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-भोपाल के सरकारी अस्पतालों में जांच के लिए आरटीपीसीआर किट उपलब्ध नहीं भोपाल (ईएमएस)। कोरोना के मामले फिर सामने आने लगे हैं। इंदौर में 2 एक्टिव केस हैं, जबकि दिल्ली से केरल तक 314 मामले सामने आ चुके हैं। इस स्थिति में भी प्रदेश की राजधानी के सरकारी अस्पतालों में कोरोना की पहचान के लिए जरूरी आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था नहीं है। केवल एम्स ही ऐसा है, जिसमें जांच के लिए किट उपलब्ध हैं। बीते एक सप्ताह में सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में कोरोना जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या 15 फीसदी तक बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कोरोना के जेएन-1 वैरिएंट है, जो तेजी से फैल रहा है। लोगों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए कोरोना की आदतों को फिर अपनाने की जरूरत है। निजी में 900 से 1200 रुपए में हो रही जांच राजधानी में आरटीपीसीआर जांच के लिए जब निजी जांच केंद्र पर फोन कर पूछताछ की गई तो पहली बार में किसी ने भी जांच हो पाएगी या नहीं, यह जानकारी नहीं दी। सभी ने 10 से 15 मिनट में कॉल बैक कर अपडेट करने की बात कही। बता दें, कुल 5 लैब में कॉल किया गया लेकिन जवाब में सिर्फ तीन लैब से कॉल बैक आया। सभी ने दो दिन में रिपोर्ट आने की बात कही और जांच के लिए 900 रुपए, 1050 रुपए और 1200 रुपए चार्ज बताया है। कोविड-19 डेशबोर्ड 5 दिन से नहीं हुआ अपडेट केंद्रीय मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड वेलफेयर का कोविड-19 डैश बोर्ड आखरी बार 19 मई 2025 की सुबह 8 बजे अपडेट किया गया था। तब तक के आंकड़ों के अनुसार देश में 257 कोरोना के एक्टिव मामले थे। वहीं, अब तक कुल कोरोना के मरीजों में से 98.81त्न यानी 4 करोड़ 45 लाख 11 हजार 240 मरीज स्वस्थ हुए। जबकि 5 लाख 33 हजार 666 लोगों की इस बीमारी के कारण मौत हुई। वायरल बनकर लौट रहा कोरोना राजधानी के रीजनल रेस्पिरेशन डिजीज इंस्टीट्यूट और जेपी अस्पताल की ओपीडी में आने वाले 15 फीसदी मरीजों में कोरोना जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं। रीजनल रेस्पिरेशन डिजीज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा बताते हैं कि इन मरीजों में बुखार, गंध-स्वाद का चले जाना, बदन दर्द, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। यह लक्षण 2020 की कोविड लहर की याद दिलाते हैं। हालांकि, बीमारी 7 से 10 दिन में ठीक भी हो रही है। कुछ मरीजों को जरूर भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है।