लेख
28-May-2025
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राजनीति में नैतिकता अब पूरी तरह से खत्म हो गई है। सत्ता में बैठे हुए राजनेता अपनी शक्तियों का उपयोग स्वयं के लिए, परिवार और इष्ट मित्रों को ध्यान में रखते हुए सत्ता का उपयोग कर रहे हैं। यह बात इसलिए कहीं जा रही है, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी माह में राष्ट्रपति पद की शपथ ली। उसके बाद वह जिस तरह की नीतियां बना रहे हैं। उन नीतियों के कारण दुनिया भर के उद्योगपतियों और राज नेताओं को यह बात समझ आ गई है। यदि उन्हें अपना कारोबार बचाना है, तो ट्रंप का आर्शीवाद जरूरी होगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेटे और परिवार के अन्य सदस्य इन दिनों दुनिया के देशों में घूम-घूमकर, गिफ्ट इकट्ठी कर रहे हैं। ट्रम्प परिवार अपने व्यापार में वृद्धि करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। वियतनाम, इंडोनेशिया जैसे एशियाई देशों में ट्रंप के परिवार ने अरबों डॉलर के प्रोजेक्ट हासिल कर लिए हैं। अमेरिका की सरकार से अपने संबंधों को बेहतर करने के लिए करीब एक दर्जन देशों में ट्रंप के परिवार की खूब खातिरदारी हो रही है। उन्हें बड़े-बड़े प्रोजेक्ट दिए जा रहे हैं। ऐसे दर्जनों मामले अभी तक सामने आ चुके हैं। ट्रंप को अमेरिका का राष्ट्रपति बने हुए अभी 5 माह भी पूरे नहीं हुए हैं। ट्रंप परिवार की कमाई इन 5 महीनों में कई गुना बढ़ गई है। हजारों करोड़ रुपए के नए-नए प्रोजेक्ट ट्रंप परिवार की कंपनियों को मिले हैं। ट्रंप अमेरिकी सरकार के जो भी निर्णय कर रहे हैं। उसमें उनके परिवारजनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ट्रंप के परिवार ने पिछले 5 महीने में एक दर्जन से ज्यादा देशों में अपना कारोबार फैलाया है। टैरिफ को लेकर दुनिया के सभी देशों को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भयाक्रांत किया है। जिसके कारण दुनिया भर के उद्योगपति और विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष, ट्रम्प को प्रभावित करने के लिए उनके परिवार के साथ अपने रिश्ते बेहतर करके, गंगा में नहाने का पुण्य प्राप्त कर रहे हैं। वियतनाम के विन पुक प्रांत में 13000 करोड रुपए का ट्रंप इंटरनेशनल गोल्फ रिसोर्ट प्रोजेक्ट इसका ताजा मामला है। वियतनाम की सरकार ने राष्ट्रीय प्राथमिकता बताकर भूमि अधिग्रहण और वित्तीय छूट देकर ट्रंप परिवार के लिए कमाई के नए अवसर खोल दिए हैं। इसी तरह का एक प्रोजेक्ट इंडोनेशिया के बाली में गोल्फ कोर्स और होटल इत्यादि के लिये ट्रम्प परिवार को मिला हैं। इसमें भी इंडोनेशिया की सरकार ने सभी नियम कानून को दरकरार करते हुए ट्रंप परिवार के ऊपर मेहरबानी की है। दुनिया के देशों में सत्ता में बैठे हुए सत्ताधीस खुले आम अनैतिक रूप से काम करने लगे हैं। नैतिकता की कोई स्थिति देखने को नहीं मिल रही है। सत्ता में बने रहने के लिए हर स्तर पर सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। निजी हितों को ध्यान में रखते हुए नियम, कायदे और कानून बनाए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में राजनीति का स्वरूप तेजी से बदला है। उसमें लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं पूरी तरह से खत्म होती जा रही हैं। एक तरह से पूंजीवादी व्यवस्था शासन व्यवस्था का अंग बनती जा रही है। आर्थिक कारणों से सत्ता में बैठे हुए लोग पक्षपात पूर्ण निर्णय कर रहे हैं। अमूमन यह स्थिति अधिकांश देशों में देखने को मिल रही है। राजनीति में आकर सत्ता के सिंहासन में बैठकर मनमाने तरीके से पैसे कमाने का जो चलन राजनेताओं के परिवारों और उनके पूंजीपति मित्रों में देखने को मिल रहा है। गरीब और मध्यम वर्ग शासन व्यवस्था से दूर होता जा रहा है। शासन व्यवस्था में बैठे हुए लोग अब पूंजीपतियों और निजी हितों को ध्यान में रखते हुए सरकारी नीतियां बना रहे हैं। अमेरिका जैसे देश में जब यह सब खुले आम हो रहा है। इसका असर दुनिया के देशों में किस तरह का पड़ेगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था के नाम पर जिस तरह की तानाशाही शासन व्यवस्था स्थापित होती जा रही है। उसके कारण अब गरीब और मध्यम वर्ग का गुजारा बहुत मुश्किल हो गया है। सामाजिक एवं राजनीतिक स्थितियों में इस बदलाव के कारण दुनिया के देशों में अशांति फैलती जा रही है। ठीक 100 साल पहले की स्थिति में पूरी दुनिया पहुंचती हुई दिख रही है। पूंजीवादी व्यवस्था यदि इसी अनैतिकता के साथ आगे बढ़ती रही, तो बगावत जैसी स्थितियां बनते देर नहीं लगेगी। प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध के समय राजतंत्र और पूंजीवादी व्यवस्था में जिस तरह की तानाशाही प्रवृत्ति थी। वही प्रवृत्ति वतर्मान में देखने को मिल रही है। उससे तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ने लगी है। लोग अब इसकी चर्चा करने लगे हैं। समय रहते यदि इस स्थिति पर नियंत्रण नहीं किय गया, तो आने वाले वर्षों में मानव समाज और मानव सभ्यता को सुरक्षित रख पाना बहुत मुश्किल होगा। दुनियाभर के हुक्मरानों को इतिहास से सबक लेने की जरूरत है। बगावत की स्थिति में सत्ता में बैठे हुए लोगों के लिये जान-माल का सबसे बड़ा खतरा होता है। ईएमएस / 28 मई 25