ट्रम्प की धमकी-मेरी वजह से ही अभी तक बचा है रूस रूस बोला- पुतिन से उलझोगे तो होगा तीसरा विश्व युद्ध वॉशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच चल रही राजनीतिक तनातनी अब सार्वजनिक धमकियों तक पहुंच चुकी है। ऐसा लग रहा है कि डीलमेकर ट्रंप की पुतिन से दोस्ती होने से पहले ही टूटने के कगार पर आ गई हैं। हाल ही में ट्रंप द्वारा दिए गए बयानों से दोस्ती में दरारों का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक तीखा बयान जारी करते हुए रूस को सीधी चेतावनी दी है कि पुतिन आग से खेल रहे हैं, और इसका अंजाम बहुत बुरा हो सकता है। ट्रम्प का यह बयान यूक्रेन पर जारी हवाई हमलों के बाद आया। उन्होंने कहा कि अगर वे नहीं होते तो रूस के साथ बहुत बुरा हो चुका होता। ट्रम्प इस हफ्ते के आखिर तक रूस पर नए प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। वहीं ट्रंप की धमकी का जवाब रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने बेहद तल्ख लहजे में दिया. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका को लगता है कि इससे बुरा कुछ हो सकता है, तो वे वल्र्ड वार 3 के आगे कुछ नया परिभाषित करें। इसका मतलब साफ है कि रूस अमेरिका की किसी भी धमकी में आने वाला नहीं हैं। और न ही वो युद्ध में पीछे हटने के मूड में हैं। दरअसल. रूस-अमेरिका के बीच ऐसी बयानबाजी केवल शब्दों की जंग नहीं, बल्कि वैश्विक रणनीतिक तनाव का संकेत भी है। दरअसल रूस ने 24 मई को यूक्रेन पर 3 साल में सबसे बड़ा हवाई हमला किया था, जिसके बाद से ट्रम्प खुलकर पुतिन की आलोचना कर रहे हैं। रूस ने कीव पर 9 बैलिस्टिक मिसाइलों, 60 क्रूज मिसाइलों और 298 ड्रोन से हमला किया था। ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार कहा था कि मैं सत्ता में आते ही 24 घंटे में रूस-यूक्रन युद्ध रोक दूंगा। लेकिन अब जब वे सत्ता में हैं, चार महीने से अधिक समय गुजर चुका है और अब स्थिति बिल्कुल अलग है। क्रेमलिन की खामोशी, यूक्रेन की आंतरिक मजबूरी और यूरोपीय संघ के दबावों ने शांति वार्ता की संभावना लगभग समाप्त कर दी है। वहीं, व्हाइट हाउस के सूत्रों की माने तो ट्रंप शांति वार्ता से अलग होने तक का विचार कर रहे हैं। इससे अमेरिका की छवि को झटका लग सकता है। सिर्फ तीसरा विश्वयुद्ध बुरी चीज ट्रम्प के बयान पर रूस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ एक ही बुरी चीज के बारे में जानता हूं- तीसरा विश्वयुद्ध। मुझे उम्मीद है कि ट्रम्प इसे समझेंगे। इससे पहले मेदवेदेव ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि अगर पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को मदद देना बंद नहीं किया तो यूक्रेन में बफर जोन पौलेंड तक पहुंच जाएगा। पुतिन से एक मुलाकात को तरसते रहे ट्रंप ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद से ही पुतिन से व्यक्तिगत मुलाकात की कोशिशें कर रहे थे। उन्होंने कम से कम तीन बार मॉस्को को मिलने का प्रस्ताव भेजा, लेकिन हर बार या तो जवाब नहीं आया या फिर रूस ने हालात का हवाला देकर मीटिंग टाल दी। ट्रंप के करीबी सूत्रों का कहना है कि ट्रंप को उम्मीद थी कि पुतिन उनके साथ डील की मेज पर जल्दी बैठेंगे, लेकिन रूस अब उस अंदाज में पेश नहीं आ रहा जैसे पहले आता था। अमेरिका और रूस में है मूलभूत अंतर इन घटनाओं ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका और रूस रणनीतिक रूप से एक-दूसरे के विरोधी हैं। दोनों की वैश्विक दृष्टि, भू-राजनीतिक रणनीति और सत्ता संतुलन को लेकर सोच में मौलिक अंतर है। ट्रंप के व्यक्तिगत डीलिंग स्टाइल और पुतिन की रणनीतिक चुप्पी दोनों एक दूसरे के लिए अप्रत्याशित हैं। दोस्ती की जमीन नहीं बन पा रही, और संदेह की दरारें गहरी होती जा रही हैं। यूक्रेन पुतिन की हत्या करना चाहता था रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हेलिकॉप्टर गिराने की कोशिश की। रूसी वायु सेना के मेजर जनरल यूरी डैशकिन के मुताबिक पुतिन 20 मई को कुस्र्क के दौरे पर गए थे। डैशकिन ने बताया कि इस दौरान यूक्रेनी एयरफोर्स ने पुतिन के हेलिकॉप्टर पर 46 ड्रोन से हमला किया, लेकिन हमने सभी ड्रोन मार गिराए। डैशकिन ने कहा- हमने एक साथ कई ड्रोन का मुकाबला किया और राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर की सुरक्षा सुनिश्चित की। कुस्र्क गए थे पुतिन कुस्र्क वही जगह है जहां पिछले साल अगस्त में यूक्रेन की सेना ने अचानक हमला किया था और 1100 वर्ग किमी इलाके पर कब्जा कर लिया था। यह हमला इसलिए बहुत खास था, क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार किसी विदेशी सेना ने रूस की जमीन पर हमला किया था। पुतिन ने इस इलाके का दौरा करते हुए कहा था कि अब इस जमीन पर फिर से रूस का कब्जा हो गया है। उन्होंने यहां पर बारूदी सुरंगें हटाने के लिए और सैनिक भेजने का आदेश भी दिया था, ताकि लोग अपने घर वापस लौट सकें। हालांकि यूक्रेन का कहना है कि उसकी सेना अब भी उस इलाके में डटी हुई है और लड़ाई जारी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उनकी सेना कुस्र्क और बेलगोरोड जैसे इलाकों में रूस के खिलाफ अभियान चला रही है। विनोद उपाध्याय / 28 मई, 2025