मैड्रिड,(ईएमएस)। भारत की बहुलतावादी संस्कृति और भाषायी विविधता एक बार फिर चर्चा में है, इस बार केंद्र में रहीं डीएमके सांसद कनिमोझी। स्पेन में भारतीय प्रवासियों के साथ संवाद के दौरान उनसे जब यह पूछा गया कि भारत की राष्ट्रीय भाषा कौन-सी है, तो उन्होंने जो उत्तर दिया वह अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल सांसद कनिमोझी ने जवाब दिया, कि भारत की राष्ट्रीय भाषा है, अनेकता में एकता। उन्होंने आगे कहा कि यही वह संदेश है जिसे यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुँचाना चाहता है। उनके इस जवाब की प्रशंसा और आलोचना दोनों हो रही है। यह सवाल कनिमोझी के लिए संवेदनशील था क्योंकि उनकी पार्टी डीएमके लंबे समय से हिंदी विरोधी रुख अपनाए हुए है। तमिलनाडु की राजनीति में हिंदी के प्रति विरोध की गहरी जड़ें हैं और डीएमके अक्सर केंद्र सरकार पर तीन-भाषा नीति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बहाने तमिल भाषा की उपेक्षा का आरोप लगाती रही है। स्वयं कनिमोझी ने कई बार संसद में और सार्वजनिक मंचों पर हिंदी थोपने के विरुद्ध वक्तव्य दिए हैं। हिदायत/ईएमएस 03जून25
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