नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के पंजीकरण के लिए ‘उम्मीद’ पोर्टल लॉन्च किया। सरकार जहां इस पोर्टल के जरिए वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने का दावा कर रही है। वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस पहल पर और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने विचाराधीन है तो फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए। संपत्तियों के पंजीकरण को लेकर के ये जल्दबाजी क्यों? मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का आरोप है कि सरकार की मंशा वक्त की संपत्तियों को हथियाना है। हम इसका विरोध करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ सैयद कासिम रसूल इलियास ने सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड के लिए ‘उम्मीद’ पोर्टल लॉन्च करने पर कहा कि हमारा स्टैंड बहुत साफ है। हमने इस पूरे 48 संशोधन का विरोध किया है। विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया है। सिविल सोसाइटी ने विरोध किया है। जितने भी माइनॉरिटी हैं सभी ने विरोध किया है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के अंदर अधीन है, इस पर बहस चल रही है। इलियास ने कहा, हमारा मानना यह है कि अभी सरकार को सब्र से काम लेना चाहिए था। जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी। यह गलत बात होगी कि अभी कोर्ट के अंदर यह मामला विचारहीन हो और आप कार्रवाई शुरू कर दें। दूसरी बात ये है कि हम ये समझते हैं कि सरकार के कुछ इरादे हैं वक्फ को लेकर। वह पूरा वक्फ कानून को देखने से भी अंदाजा हो जाता है। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/07/जून/2025
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