राष्ट्रीय
08-Jun-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। आजकल हार्ट डिजीज बीमारी बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं को भी तेजी से अपना शिकार बना रही है। जब दिल की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है तो धीरे-धीरे ये धमनियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे खून का प्रवाह रुकता है और दिल तक ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। डॉक्टरों के अनुसार, यह स्थिति बिना किसी लक्षण के लंबे समय तक बनी रह सकती है, लेकिन जब यह गंभीर हो जाती है तो अचानक हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। दिल की बीमारी के शुरुआती संकेतों को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। जैसे कि सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना, जो व्यायाम करने या मानसिक तनाव के समय अधिक होता है। कभी-कभी यह दर्द आराम के समय भी हो सकता है। इसके अलावा सांस फूलना, सामान्य कार्य करने पर भी अत्यधिक थकावट महसूस होना, चक्कर आना या हल्का महसूस होना भी ऐसे लक्षण हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। कई बार दिल को पर्याप्त खून नहीं मिल पाने के कारण धड़कन तेज या अनियमित हो जाती है, जिससे शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। कुछ मामलों में दर्द छाती से निकलकर कंधे, पीठ, जबड़े या बाएं हाथ तक फैल सकता है। कभी-कभी बिना किसी शारीरिक मेहनत के अचानक ठंडा और चिपचिपा पसीना आना भी दिल पर बढ़ते दबाव का संकेत हो सकता है। डॉक्टरों की सलाह है कि हर व्यक्ति को वर्ष में एक बार लिपिड प्रोफाइल टेस्ट जरूर कराना चाहिए ताकि शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की सही जानकारी मिल सके। साथ ही फास्ट फूड, अधिक नमक, चीनी और तेलयुक्त भोजन से दूरी बनानी चाहिए। जीवनशैली में बदलाव, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव से दूर रहकर दिल की सेहत को सुरक्षित रखा जा सकता है। यदि किसी को इन लक्षणों में से कोई भी नजर आए तो तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें, क्योंकि सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते इन संकेतों को पहचान लिया जाए तो हार्ट अटैक से बचाव संभव है। सुदामा/ईएमएस 08 जून 2025