राष्ट्रीय
08-Jun-2025
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नई दिल्ली(ईएमएस)। जाने माने फिल्म अभिनेता कमल हसन इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में आ गए है। हाल ही में उन्होंने कहा था कि कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल से हुआ है। इस पर भारी बवाल के बाद कोर्ट ने भी फटकार लगाई थी। ये विवाद शांत होता इससे पहले उन्होंने हिंदी को लेकर टिप्पणी कर दी। उनका कहना है कि हिंदी भाषा सिखाने के लिए के लिए जबरदस्ती नहीं की जाना चाहिए। मीडिया से बातचीत में कमल हासन ने भाषाई स्वतंत्रता पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, हमें कोई भी भाषा जबरदस्ती न सिखाई जाए। अगर हमें बिना दबाव के भाषा सीखने का मौका मिले, तो हम खुद सीख लेंगे। भाषा सीखना शिक्षा का हिस्सा है, और इसमें जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए। कमल हासन ने इस बात पर भी जोर दिया कि हिंदी थोपने का विरोध सिर्फ साउथ इंडिया तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, मैं पंजाब, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के साथ खड़ा हूं। ये लड़ाई सिर्फ एक राज्य की नहीं है, ये पूरे भारत की है। उन्होंने कहा कि भारत में हर किसी को अपनी भाषा बोलने का हक होना चाहिए। भविष्य को ध्यान में रखते हुए कमल हासन ने कहा कि एक व्यावहारिक और वैश्विक भाषा अपनाना ज्यादा समझदारी भरा कदम होगा। वो कहते हैं, हमारे पास अंग्रेजी की 350 साल पुरानी शिक्षा व्यवस्था है, इसलिए अंग्रेजी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आप स्पेनिश या चीनी भी सीख सकते हैं, लेकिन सब कुछ अचानक बदल देना लोगों को परेशानी में डाल सकता है, खासकर तमिलनाडु जैसे राज्यों में। कमल हासन ने यह भी सवाल उठाया कि अगर कोई हिंदी नहीं जानता, तो क्या उसका हक खत्म हो जाता है? जब आप कहते हो कि विंध्य पर्वत के उस पार तुम्हें नौकरी नहीं मिलेगी क्योंकि तुम हिंदी नहीं जानते, तो फिर सवाल उठते हैं – मेरी भाषा का क्या? मैं क्या भारत की 22 मान्यता प्राप्त भाषाओं में शामिल नहीं हूं? बता दें कि कन्नड़ भाषा पर की गई टिप्पणी के बारे में बात करते हुए कमल हासन ने अपमे बयान पर माफी मांगने से साफ इनकार दर दिया था। इस चर्चा के बीच एक्टर ने हिंदी बेल्ट में अपने काम की याद दिलाते हुए कहा कि मैं एक दूजे के लिए का हीरो हूं, जो एक ऐसी फिल्म थी जिसमें एक तमिल लड़का और एक हिंदी भाषी लड़की की लव स्टोरी दिखाई गई थी। ये फिल्म हिंदी भाषी दर्शकों के बीच काफी पसंद की गई थी। वीरेंद्र/ईएमएस/08जून2025