नई दिल्ली (ईएमएस)। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (अमेरिका) के एक शोध पत्र के मुताबिक, मेथी में मौजूद पोषक तत्व और औषधीय यौगिक इसे एक बहुउपयोगी औषधि बनाते हैं। इसका नियमित सेवन हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और टाइप-2 डायबिटीज के लिए भी लाभकारी सिद्ध हुआ है। साथ ही, यह मेटाबॉलिज्म को तेज कर वजन कम करने में भी सहायक है। इसके अलावा मेथी दाना बालों के लिए भी रामबाण की तरह काम करता है। रातभर भिगोए हुए 1-2 चम्मच मेथी को पीसकर यदि सप्ताह में दो से तीन बार बालों की जड़ों में लगाया जाए तो बालों का गिरना रुकने लगता है। यह बालों को घना और मजबूत बनाने में भी मदद करता है। हालांकि चिकित्सकों की मानें तो पित्त संबंधी परेशानियों या गर्म तासीर न सहने वाले लोगों को इसका सेवन सावधानी से करना चाहिए। इसीलिए इसका सेवन व्यक्तिगत संतुलन और तासीर के अनुसार ही करना बेहतर माना गया है। आम धारणा है कि जिस अचार में मेथी डाली जाती है, वह औषधीय गुणों से भरपूर हो जाता है। यह जिस भी व्यंजन में मिलाई जाती है, उसमें अपनी विशेषता घोल देती है और दूसरे तत्वों की संभावित नकारात्मकता को भी संतुलित करती है। मेथी को अरहर दाल, भिंडी, कढ़ी, राजमा और पालक पनीर जैसे वातवर्धक व्यंजनों में मिलाकर उसका औषधीय लाभ उठाया जा सकता है। यह न केवल भोजन को स्वादिष्ट बनाती है बल्कि उसे औषधीय गुणों से भी समृद्ध करती है। यही कारण है कि मेथी दाना सिर्फ रसोई की सामग्री नहीं, बल्कि सेहत का खजाना है, जो हर घर में होना चाहिए। बता दें कि भारतीय रसोई में एक साधारण सी दिखने वाली चीज मेथी दाना अपनी औषधीय खूबियों के कारण असाधारण रूप से खास है। कढ़ी हो, तड़के वाली दाल, कोई सब्ज़ी या खट्टा-मीठा अचार, मेथी दाना हर व्यंजन को स्वाद ही नहीं, सेहत भी देता है। पीले से दिखने वाले इन कड़वे दानों की उपयोगिता केवल पारंपरिक नुस्खों तक सीमित नहीं है, बल्कि आधुनिक चिकित्सा जगत भी इसकी उपयोगिता को प्रमाणित कर चुका है। आयुर्वेद में इसे “कुंचिका” कहा गया है। चरक संहिता में वर्णित एक श्लोक में मेथी को वात-कफ नाशक, भूख बढ़ाने वाली और रोग निवारक बताया गया है। सुदामा/ईएमएस 18 जून 2025