21-Jun-2025
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अब उम्मीदवार चाहें मॉक पोल भी करवा सकते नई दिल्ली,(ईएमएस)। बार-बार विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने पर अब चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने ईवीएम की जांच के नियमों में बदलाव किया है। अब जो उम्मीदवार चुनाव में दूसरे या तीसरे नंबर पर रहे, वे भी ईवीएम की जांच करवा सकते हैं। पहले सिर्फ एक सामान्य जांच होती थी। अब उम्मीदवार चाहें मॉक पोल भी करवा सकते हैं। पहले, 1 जून 2024 को जारी नियमों के अनुसार, ईवीएम की जांच एक साथ होती थी। इसमें बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट शामिल थे। जांच भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) या इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) के इंजीनियर करते थे। तब मॉक पोल की सुविधा नहीं थी। लेकिन, अब 17 जून 2025 को चुनाव आयोग ने नए नियम जारी कर दिए है। अब ईवीएम की जांच के लिए उम्मीदवारों को अलग-अलग शुल्क देना होगा। अगर उम्मीदवार सिर्फ ईवीएम की जांच करवाना चाहते हैं, तब उन्हें 23,600 रुपये देने होगा। इसमें 18 प्रतिशत जीएसटी भी शामिल है। अगर वे मॉक पोल भी करवाना चाहते हैं, तब उन्हें 47,200 रुपये देना होगा। यह पैसा ईवीएम बनाने वाली कंपनी को देना होगा। अगर जांच में ईवीएम में कोई गड़बड़ी मिलती है, तब उम्मीदवार को पैसे वापस मिल जाएंगे। यह खर्च केंद्र या राज्य सरकार उठाएगी। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि चुनाव किसका था। जो उम्मीदवार चाहें, वे नतीजे आने के सात दिन के अंदर ईवीएम की जांच के लिए आवेदन कर सकते हैं। वे हर विधानसभा क्षेत्र में 5 प्रतिशत ईवीएम की जांच करवा सकते हैं। इसमें बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट शामिल है। उम्मीदवार यह जांच ईवीएम में किसी तरह की छेड़छाड़ या बदलाव देखने के लिए करवा सकते हैं। नए नियमों के अनुसार, मुख्य चुनाव अधिकारी को ईवीएम जांच के आवेदनों की लिस्ट मशीन बनाने वाली कंपनियों को भेजनी होगी। अब यह लिस्ट नतीजे आने के 30 दिन के बजाय 15 दिन के अंदर भेजनी होगी। एक और महत्वपूर्ण फैसले में, चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान बनाए गए वीडियो और फोटो को लेकर चिंता जाहिर की है। आयोग को डर है कि इनका गलत इस्तेमाल हो सकता है। आशीष दुबे / 21 जून 2025