कोलकाता(ईएमएस)। दक्षिण कोलकाता के लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना ने एक बार फिर पूरे पश्चिम बंगाल में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस के मुताबिक, कॉलेज की प्रथम वर्ष की 24 वर्षीय छात्रा से संस्थान के भीतर एक पूर्व छात्र और दो सीनियर छात्रों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से मुख्य आरोपी 31 वर्षीय मनोजीत मिश्रा है। मिश्रा के साथ दो अन्य आरोपी, 19 वर्षीय जैब अहमद और 20 वर्षीय प्रमीत मुखर्जी भी कॉलेज की टीएमसीपी इकाई के सदस्य हैं और मिश्रा के सहयोगी बताए जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कॉलेज के मौजूदा और पूर्व छात्रों ने बताया कि मिश्रा का कॉलेज में वर्षों से प्रभाव रहा है। आरोप है कि वह कॉलेज की गतिविधियों पर पूरी तरह नियंत्रण रखता था। सारस्वती पूजा से लेकर सेमिनार, पार्टी कार्यक्रमों तक, सब कुछ वही तय करता था। कॉलेज की शासी निकाय के अध्यक्ष टीएमसी विधायक अशोक देब हैं। सूत्रों के अनुसार, मनोजित मिश्रा को ग्रेजुएशन के बाद कॉलेज में कैजुअल क्लर्क के पद पर नियुक्त किया गया था। इसके पहले उसे पुराने कैंपस में सीसीटीवी तोड़ने और प्रतिद्वंदी गुट के छात्र का अपहरण करने के आरोपों में दो बार निलंबित किया जा चुका था। कॉलेज की दीवारों पर मोनोजीत दा हमारे दिलों में हैं जैसे नारे लिखे हैं। एक अन्य नारा, अर्मा सबाई टीएमसी समर्थक यानी हम सभी टीएमसीपी समर्थक हैं भी नजर आता है। छात्रों का कहना है कि मिश्रा ने कॉलेज में अपना खुद का छात्र गिरोह बना लिया था- जिसे वह टीम एमएम कहता था। मनोजीत के सोशल मीडिया हैंडल से पता चला है कि वह कॉलेज की तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद इकाई का पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के छात्र संगठन की दक्षिण कोलकाता शाखा का संगठन सचिव है। सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध मुख्य आरोपी की तस्वीरों में उसे राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेताओं के साथ देखा जा सकता है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपियों के साथ किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया है और आरोपियों के दोषी पाए जाने पर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की वकालत की है। मनोजीत मिश्रा कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद भी वहां अपना दबदबा बनाए हुए था। वीरेंद्र/ईएमएस/28जून2025