- कांग्रेस नेता विवेक त्रिपाठी ने कई स्कूलों के खिलाफ सौंपे प्रमाण - अभिभावकों पर दबाव डालकर कोर्स और ड्रेस बेचने वाले निजी स्कूलो पर प्रकरण दर्ज करने की मांग भोपाल(ईएमएस)। राजधानी भोपाल में शिक्षा के नाम पर हो रही खुली लूट और अभिभावकों के शोषण को लेकर खिलाफ मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में शिकायत करते हुए कड़ी कार्यवाही की माँग की। साथ ही उन्होने ऐसा करने वाले नारायणा स्कूल सहित कई बड़े निजी स्कूलों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। त्रिपाठी ने शिकायत में कहा है की ये स्कूल कुछ चुनिंदा दुकानों से अत्यधिक कीमतों पर ड्रेस, किताबें और स्टेशनरी खरीदवाने के लिए अभिभावकों पर अनैतिक दबाव बना रहे हैं। इन दुकानों के पास न तो वैध रजिस्ट्रेशन है, न ही जीएसटी बिल दिए जाते हैं। यह पूरा तंत्र कमीशनखोरी और टैक्स चोरी पर आधारित है, जिससे शिक्षा एक माफिया कारोबार बन चुकी है। – जबलपुर जैसी कार्रवाई की उठी माँग विवेक त्रिपाठी ने जनसुनवाई के दौरान प्रशासन से माँग की कि जैसे जबलपुर में शिक्षा माफिया और स्कूल संचालकों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई हुई, उसी तरह भोपाल में भी तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए और दोषियों को सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि यह केवल आर्थिक शोषण नहीं बल्कि संविधान प्रदत्त शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन भी है। स्कूलों और दुकानों की सांठगांठ अभिभावकों की जेब पर सीधा हमला है। - एडीएम निधि चौकसे ने लिया संज्ञान जनसुनवाई के दौरान एडीएम निधि चौकसे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से जिला शिक्षा अधिकारी को फटकार लगाई और साक्ष्यों के आधार पर जांच के निर्देश दिए। इसके साथ ही एसडीएम अर्चना शर्मा और जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र अहिरवार को संयुक्त रूप से मामले की जांच सौंपी है। कांग्रेस की चेतावनी – यदि कार्रवाई नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन शिकायतकर्ता कॉग्रेंस नेता विवेक त्रिपाठी ने चेतावनी दी कि यदि मामले में शीघ्र न्यायोचित कार्रवाई नहीं की गई, तो कांग्रेस इस विषय पर सड़क से सदन तक आंदोलन चलाने को मजबूर होगी। उनकी मांग है कि निजी स्कूलों द्वारा की जा रही अवैध कमीशन वसूली की जांच हो, दोषी स्कूल प्रबंधन व दुकान संचालकों पर एफआईआर दर्ज की जाए, टैक्स चोरी और उपभोक्ता संरक्षण उल्लंघन पर वित्तीय विभाग की भी जाँच हो और सभी निजी स्कूलों में पालक संघ अनिवार्य किया जाए। जुनेद / 1 जुलाई