चक्काजाम कर जताया रोष कलेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी, ज्ञापन नहीं लेने पर भडक़े वकील गुना (ईएमएस)। जिला न्यायालय को वर्तमान स्थान हनुमान चौराहे से स्थानांतरित कर जगनपुर (हड्डीमिल) ले जाने के विरोध में बुधवार को अधिवक्ता संघ गुना ने जोरदार प्रदर्शन किया। बरसते पानी के बीच वकीलों ने हाथ में हाथ डालकर मानव श्रृंखला बनाई और हनुमान चौराहे पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान प्रशासन के समझाइश के बावजूद वकील नहीं माने और कलेक्टर किशोर कन्याल के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। उनका आरोप था कि कलेक्टर ने ज्ञापन लेने की ज़हमत तक नहीं उठाई, जिससे वकीलों का आक्रोश और बढ़ गया। दरअसल अधिवक्ताओं ने कलेक्टोरेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का प्रयास किया जिसमें उन्होंने न्यायालय को वर्तमान स्थान पर ही बनाए रखने की मांग की। लेकिन मौके पर कलेक्टर के नहीं आने से वकीलों का गुस्सा भडक़ गया। जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी और चक्काजाम की चेतावनी दी। फिर शाम को हनुमान चौराहे पहुंचकर चक्काजाम कर दिया। ज्ञापन में बताया गया कि वर्तमान न्यायालय परिसर न केवल शहर के मध्य स्थित है बल्कि यहां करीब 5 हेक्टेयर भूमि सहज रूप से उपलब्ध है। यह भूमि उद्योग विभाग, टीएनसीपी कार्यालय और पुराने कलेक्टर कार्यालय से मिलाकर पर्याप्त है, जिससे भविष्य में भी किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं होगी। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि जिस जगनपुर क्षेत्र में न्यायालय स्थानांतरित किया जा रहा है, वह न केवल असुरक्षित है बल्कि वहां की भू-संरचना, आपराधिक गतिविधियों और महिला कर्मियों की सुरक्षा भी चिंता का विषय है। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि कुछ भू-माफिया व कॉलोनाइजऱ दबाव बनाकर न्यायालय को जगनपुर शिफ्ट करवाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वहां की भूमि के दाम बढ़ाकर उसका लाभ उठाया जा सके। ज्ञापन में इस बात पर भी आपत्ति जताई गई कि जब वर्तमान परिसर में ही पर्याप्त भूमि उपलब्ध है, तो करोड़ों रुपए खर्च कर नए स्थान पर न्यायालय स्थानांतरित करने का औचित्य क्या है? वकीलों ने यह भी तर्क दिया कि जगनपुर क्षेत्र औद्योगिक इलाका है, जहाँ पहुंचने के लिए पुल पार करना होता है, जिससे दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है। अधिवक्ता संघ ने मांग की कि सरकार इस प्रक्रिया पर पुन: विचार करे और न्यायालय को हनुमान चौराहे पर ही बनाए रखने की दिशा में निर्णय ले, जिससे जनहित की रक्षा हो सके और न्यायालय की गरिमा बनी रहे। - सीताराम नाटानी (ईएमएस)