-सपा कर रही तुष्टिकरण की राजनीति, नाम लिखने में क्या दिक्कत: पाठक लखनऊ,(ईएमएस)। यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी दुकानों को अपने साइनबोर्ड पर मालिक का नाम और पहचान दिखाना अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले पर सपा समेत विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। इस पर यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने विपक्ष पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया है। पाठक ने गुरुवार को कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग हमेशा प्रदेश में तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। उनका तुष्टिकरण का पुराना इतिहास है। हमारी प्रतिबद्धता कानून व्यवस्था को चाक-चौबंद करना है और हर स्थिति में कानून व्यवस्था को मेंटेन करेंगे। धर्म-कर्म के लिए कांवड़ यात्रा पर जाने वाले लोगों को कोई दिक्कत न हो, इसकी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही व्रत के दौरान खाने-पीने की दुकान शुद्ध मिले, इसकी भी व्यवस्था करेंगे। उन्होंने कहा कि हर खरीदार का अधिकार है कि वह जाने कि विक्रेता कौन है और वह किससे सामग्री खरीद रहा है। इस मुद्दे को उठाकर सपा राजनीति कर रही है। सपा प्रदेश को आतंक और दंगों की आग में झोंकना चाहती है। मैं पूछता हूं कि अगर कोई खाने-पीने का सामान बेच रहा है तो उसे नाम लिखने में क्या दिक्कत है? समाजवादी पार्टी के लोगों के बयान निंदनीय हैं। वहीं मंत्री दयाशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि किसी को पहचान बताने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मैं खुद मंत्री हूं और जहां भी जाता हूं या रहता हूं, मुझसे भी पहचान पत्र मांगा जाता है और मैं दिखाता भी हूं। इसमें अपमानजनक कुछ नहीं है। मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि अगर सरकार सावन के पवित्र महीने में पवित्र कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले हमारे भक्तों की सुरक्षा के लिए काम कर रही है, तो इससे किसी को क्या परेशानी है? हमें इस बात की निगरानी क्यों नहीं करनी चाहिए कि उन्हें क्या परोसा जा रहा है? मैं पूछता हूं कि नाम छिपाने के पीछे कौन सी मजबूरी है? सिराज/ईएमएस 03जुलाई25