आज हिंदी भाषा क़ो लेकर क्षेत्रीय राज्य में सियासत हो रही है लेकिन आप भारत में रहते हैं अतः आपका कर्तव्य है हिंदी भाषा क़ो बोलना चाहिए और क्षेत्रीय भाषा का भी सम्मान करना चाहिए अतः आप क्षेत्रीय भाषा में बात करें लेकिन हिंदी से वोट बैंक का सहारा न बनने दें हिंदी से नफरत ना करें ऐ हमारी संस्कृति है इसमें भारत की आत्मा है हिंदी विदेश में गूंजे या ना गूंजे लेकिन अपने देश में गुंजना जरुरी है जो आजादी के 76साल बाद भी व्यवस्था नहीं सुधर रही है हिंदी के कार्य में लगी देश की हिंदी संस्थानों का हाल बहुत बुरा है ख़ासकर पंजीकृत संस्था का अतः पहले अपने देश में इन संस्थानों को पटरी पर लाना जरुरी है पत्रिका जो विज्ञान से सम्बंधित है उसमें किसी अच्छे विज्ञान लेखकों को नजर अंदाज किया जाना और अपने खास लोगों को बार बार लेख छापना व मानदेय देना एक विकृत मनोवृती है जो सही नहीं है हाल ही डॉ आर चिदंबरम सर जो पोखरण 1 औऱ 2 परमाणु परीक्षण किया तो विश्व में भारत की डंका बजी आज ईरान और इजराइल में खुनी संघर्ष परमाणु बम को लेकर हो रहा है यानि हमारा देश परमाणु तकनीक के मामले में सबसे शक्ति शाली देश है उनके कार्य को देखते हुए हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद ने सहानुभूति व स्मृति अंक पत्रिका वैज्ञानिक का जनवरी -मार्च 25 निकाला जो शायद ही किसी और ने निकाला होगा वैज्ञानिक हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद की पत्रिका है लेकिन वो भी संकटो से जूझ रही है कभी चुनाव तो कभी फंड का ना होना लेकिन इसमें कुछ निष्ठावान लोग भी है जो 55साल पुरानी संस्था को बचाने के लिए प्रयासरत है इसी उद्देश्य से हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद के नव निर्वाचित कार्यकारिणी समिति सदस्यों और निवर्तमान कार्यकारिणी समिति सदस्यों के संयुक्त बैठक, मुंबई में 30/5/2025 सुबह 11:30 बजे शुरुआत की गई जिसका एजेंडा था- नव निर्वाचित कार्यकारिणी समिति(25-27) को कार्यभार सौंपना। परिषद के कामकाज के संबंध में भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करना।परिषद के तत्कालीन सचिव श्री एस पी प्रभाकर ने ऊपर दिए विवरण के अनुसार आयोजित की गई ।जिसमें परिषद के लगभग सभी सदस्य रहें हिंदी विज्ञान में एक नई क्रांति मुंबई के वैज्ञानिकों ने 1968 में हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद की नींव रखी और 2साल बाद वैज्ञानिक पत्रिका का सतत प्रकाशन हुआ जो आज भी ऑनलाइन माध्यम से चल रही है अतः राष्ट्रीय अस्तर पर हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद ही एक मात्र ऐसी संस्था बची है जो इन उद्देश्यों क़ो पूर्ण कर सकती है इस हेतु परिषद की नई कार्यकारिणी का गठन हेतु 18 मई 25 को अनुशक्तिनगर में विशेष आम सभा में चुनाव अधिकारी श्री बलवंत सिंह ने नई कार्यकारिणी 25-27 हेतु सभी चयनित उम्मीदवार के परिणाम प्रस्तुत किए गए -जो निम्न है अध्यक्ष - कृष्ण कुमार वर्मा - -उपाध्यक्ष - ब्रजेश कुमार सिन्हा,सचिव,शेर सिंह मीणा, संजय गोस्वामी -सयुंक्त सचिव,राज कुमार डाबरा -कोषाध्यक्ष बी.एन मिश्र -सयुंक्त कोषाध्यक्ष,सदस्य हेतु डॉ सुभाष दोन्दे,अश्विनी कुमार मिश्रा,संजू वर्मा, राजेश कुमार सचान - अनिल अहिरवार प्रकाश कश्यप - आलोक कुमार त्रिपाठी आदि निर्विरोध चुने गए थे व परिषद की हैंड ओवर मीटिंग 30/5/2025 सुबह 11:30 हुई औऱ 2बजे ख़त्म हुआ जिसमें परिषद के पुरानी व नई समिति के सदस्य भी मौजूद थे हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद की हैंड ओवर मीटिंग सौहार्द पूर्ण तरीके से संपन्न हुई आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है।जो मातृभाषा में करना आवश्यक है हमारे जीवन की छोटी-बड़ी हर घटना का संबंध विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़ा हुआ है। अतः परिषद क़ो पुनः विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़े परिषद के मायलस्टोन यानि उनके कार्यों क़ो करना आवश्यक है।जिससे विज्ञान का संचार हिंदी में हो सके। परिषद के नए अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार वर्मा क़ो हार्दिक शुभकामनायें आशा है कि आनेवाला समय परिषद की स्थिति क़ो पुनः अपने पूर्व रूप में लाने में सफल होगी जो कोरोना के बाद डगमगा गया था हालांकि वैज्ञानिक प्रकाशित होती रही है अतः विदेश से ज्यादा जरुरी अपने देश की राजभाषा हिंदी को प्रोत्साहित करना लोग विदेश के नाम पर विश्व हिंदी सचिवालय, मौरीशस या विश्व हिंदी सम्मलेन में हिंदी के प्रचार के लिए जाते हैँ और वहाँ जाकर इधर उधर फोटो खींचवाते नजर आते है। ईएमएस / 04 जुलाई 25