क्षेत्रीय
04-Jul-2025


रायपुर(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ में अनेक कॉलोनाइजर और बिल्डर अपने आवासीय‑व्यावसायिक प्रोजेक्टों के लिए तो सरकार से अनुमति ले रहे हैं, लेकिन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और अशुद्ध जल के संग्रहण, उपचार व पुनर्चक्रण जैसी अनिवार्य शर्तों को पूरा नहीं कर रहे। राज्य सरकार ने इसे पूरी तरह अस्वीकार्य बताकर सख्त रुख अपनाया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने प्रदेश के सभी नगर निगम आयुक्तों, नगरपालिका अधिकारियों और नगर पंचायत सीएमओ को निर्देश जारी किए हैं: हर परिसर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और वॉटर ट्रीटमेंट‑रीसायक्लिंग व्यवस्था तुरंत सुनिश्चित कराएं। नियमों का पालन न करने वालों पर छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 और कॉलोनाइजर (रजिस्ट्रेशन व शर्तें) नियम, 2013 समेत प्रचलित कानूनों के तहत कार्रवाई करें। सरकारी जांच में पाया गया है कि कई परियोजनाओं में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) स्थापित नहीं किए गए, न ही गारबेज कलेक्शन व वैज्ञानिक निपटान की व्यवस्था की गई। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुसार यह जिम्मेदारी कॉलोनाइजर‑बिल्डर (और हैंडओवर के बाद रेज़िडेंट वेलफेयर सोसायटी) की है। विभाग ने साफ कर दिया है कि अगली निरीक्षण कार्रवाई में कमी पाई गई तो जुर्माना, लाइसेंस रद्दीकरण और अन्य दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, जिन परियोजनाओं में वैकल्पिक जल स्रोत मौजूद हैं, वहां भूजल दोहन को हतोत्साहित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। सत्यप्रकाश(ईएमएस)04 जुलाई 2025