क्षेत्रीय
04-Jul-2025


रायगढ़(ईएमएस)। लैलूंगा क्षेत्र की बहुचर्चित लैलूंगा-बाकरुमा सड़क आज अपनी बदहाली से न सिर्फ़ लोगों की जान को जोखिम में डाल रही है, बल्कि निर्माण कार्यों में व्याप्त गड़बड़ियों और प्रशासनिक लापरवाही की खुली मिसाल बन चुकी है। महज़ छह महीने पहले तैयार हुई इस सड़क की हालत अब इतनी दयनीय हो चुकी है कि गड्ढों में समा चुकी डामर और बहती मिट्टी इसे पहचानना तक मुश्किल बना रही है। बारिश की पहली बौछार ने ही निर्माण गुणवत्ता की असलियत सामने ला दी। डामर की परतें उखड़ गईं, कीचड़ से पट गई सड़क अब किसी भी पल गंभीर हादसों की वजह बन सकती है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि सड़क की स्थिति बदतर होने के बावजूद अब तक न कोई अधिकारी स्थल पर पहुँचा, न मरम्मत शुरू हुई और न ही किसी एजेंसी की जवाबदेही तय की गई है। इस सड़क परियोजना के लिए क्षेत्र के कई किसानों की ज़मीन ली गई, मगर स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक अधिकतर प्रभावितों को मुआवज़ा नहीं मिला है। ग्रामीणों का आरोप है कि न तो कोई स्पष्ट सर्वे किया गया, न ही उन्हें दस्तावेज़ उपलब्ध कराए गए। खेतों तक पहुंचने के रास्ते भी बाधित कर दिए गए हैं, जिससे खेती करना तक मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह सिर्फ़ निर्माण कार्य की विफलता नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन की एक बड़ी चूक और संसाधनों की बर्बादी का मामला है। जनप्रतिनिधियों की चुप्पी और विभागीय निष्क्रियता ने लोगों का भरोसा तोड़ दिया है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)04 जुलाई 2025