राष्ट्रीय
04-Jul-2025


-कई दस्तावेज किए जब्त, मोबाइल डिटेल खंगाल रही टीम लुधियाना,(ईएमएस)। पंजाब के लुधियाना में बीती रात स्टेट जीएसटी विभाग की टीमों ने शहर में अलग-अलग जगह छापे मारे। जीएसटी अधिकारियों ने पहले भामियां रोड पर दबिश दी, उसके बाद सिविल लाइन पर। सूत्रों से पता चला है कि दो कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया है। देर रात जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने दोनों कारोबारियों का सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाया। कारोबारियों की पहचान दीपांशू आनंद निवासी भामियां एक्लेव और दीपक गोयल निवासी सिविल लाइन्स के रूप में हुई है। जीएसटी अधिकारियों को सूचना मिली थी कि दोनों कारोबारी घर पर हैं जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया। टैक्स चोरी से जुड़ा मामला होने का शक है, लेकिन अभी इस मामले में जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है। अधिकारियों ने कई कागजात कब्जे में लिए हैं। मोबाइल डिटेल खंगाली जा रही है। उम्मीद है कि इस मामले में वह जल्द खुलासा करेंगे। बता दें पंजाब सरकार के वित्त विभाग ने दो दिन पहले 20 ऐसी फर्मों का भंडाफोड़ किया था, जो करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी कर रही थीं। इन फर्मों ने बहुत ही चालाकी से अपना नेटवर्क खड़ा किया ताकि असली प्रबंधकों का नाम सामने न आ सके। इसके लिए उन्होंने आम मजदूरों और बेरोजगारों को निशाना बनाया। उन्हें 800 रुपए प्रतिदिन मजदूरी देने का लालच दिया और उनके पैन कार्ड, आधार कार्ड और बाकी दस्तावेज ले लिए गए कि उनके खातों में पेमेंट की जाएगी। बाद में इन्हीं दस्तावेजों से फर्जी नामों पर कंपनियां बनाकर जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाया गया। इन फर्मों के बैंक खाते पहले से ही खुले हुए थे। इस तरह कुल 866 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। इसमें टैक्सी सेवाओं के नाम पर की गई जीएसटी चोरी 157.22 करोड़ रुपए की थी। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा था कि जांच में अब तक 40 लाख रुपए नकद, फर्जी बिल बुक और बिना साइन की चेक बुक जैसे अहम सबूत मिले हैं। इस मामले में लुधियाना में केस दर्ज किया गया है। सरबजीत सिंह इस घोटाले का मुख्य आरोपी है, जिसे पकड़ने के लिए कार्रवाई चल रही है। इस घोटाले में लुधियाना के एक अकाउंटेंट की मुख्य भूमिका सामने आई है। उसने साल 2023 में इस फर्जीवाड़े की शुरुआत की थी। अब तक वह अकेला ही 157.22 करोड़ रुपए का फर्जी टैक्स क्रेडिट कर चुका है। टैक्सेशन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक आरोपियों ने 2023-24 में नकली बिल तैयार कर 249 करोड़ रुपए का लेन-देन दिखाया और इसके आधार पर 45.12 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया। इसके बाद 2024-25 में 569.54 करोड़ का फर्जी कारोबार दिखाकर 104.08 करोड़ का आईटीसी लिया। सिर्फ इस साल के पहले दो महीनों में ही 47.25 करोड़ का लेनदेन दिखाकर 8.01 करोड़ रुपए का फर्जी टैक्स क्रेडिट क्लेम किया गया। इसी तरह ट्रांसपोर्टर मां दुर्गा रोड लाइंस नाम की कंपनी ने भी 168 करोड़ रुपए के जाली ई- बिल बनाकर धोखाधड़ी की है। यह ई- बिल लुधियाना आधारित फर्मों के प्रमाण पत्रों का प्रयोग करके की गई। जो लुधियाना से दिल्ली तक सामान की आवाजाही को दिखाते थे। जबकि असल में कोई वाहन पंजाब में दाखिल हुआ ही नहीं था। सिराज/ईएमएस 04जुलाई25