पुलिस के मौजूदा तरीकों पर कड़ी नाराजगी जाहिर की जयपुर,(ईएमएस)। राजस्थान हाईकोर्ट ने लापता नाबालिगों के मामलों में राजस्थान पुलिस के मौजूदा तरीकों पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है, और विशेष रूप से पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव शर्मा से आधुनिकीकरण का आग्रह किया है। कोर्ट ने पुरानी तकनीकों के इस्तेमाल, अंतर-राज्यीय समन्वय में कमी और डीएनए रिकॉर्ड तथा एआई जैसी आधुनिक तकनीकों के अभाव पर चिंता जाहिर की है। कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पुलिस अभी भी पुराने तरीकों पर काम कर रही है। उनका मानना है कि पुलिस का यह बहाना कि मोबाइल बंद होने की वजह से वे नाबालिगों को ट्रेस नहीं कर पा रहे हैं, अब मान्य नहीं है। कोर्ट ने पुलिस को मोबाइल ट्रैकिंग से इतर भी नई तकनीकों पर काम करने का आग्रह किया है। दरअसल रामगंज थाना क्षेत्र के एक मामले का ज़िक्र करते हुए, जहाँ 6 फरवरी से एक नाबालिग लापता है, कोर्ट ने तत्काल कार्रवाई पर ज़ोर दिया। यदि किसी नाबालिग की लोकेशन किसी अन्य राज्य में मिलती है, तब राजस्थान से अधिकारी भेजने के बजाय, लोकल पुलिस अधिकारियों से तुरंत संपर्क कर आरोपी को हिरासत में लेने की कार्रवाई करनी चाहिए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीजीपी शर्मा के सामने स्पष्ट किया, कोई भी आरोपी आपके आने का इंतज़ार नहीं करेगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस के पास डीएनए रिकॉर्ड की अनुपलब्धता पर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने 2 साल के बच्चे के गायब होने का उदाहरण दिया, जहाँ छह साल बाद भी पुलिस स्केच बनाने में असमर्थ थी। कोर्ट ने पुरज़ोर सिफारिश की है कि पुलिस को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करना चाहिए, जिससे इसतरह के मामलों में काफी सुविधा मिलेगी। आशीष दुबे / 04 जुलाई 2025