राष्ट्रीय
04-Jul-2025


नई दिल्ली,(ईएमएस)। इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद पवित्र और महत्वूपर्ण होता है। यह महीना कर्बला में शहादत के चलते गम और इबादत का प्रतीक माना जाता है। मुहर्रम की तारीख हर साल बदलती है क्योंकि इस्लामी कैलेंडर चंद्र आधारित होता है। इस बार भारत में 26 जून 2025 को मुहर्रम का चांद दिखाई देने के बाद, इस्लामी नया साल शुरू हुआ। ऐसे में मुहर्रम का पहला दिन 27 जून को माना गया। इस आधार पर मुहर्रम की 10वीं तारीख, जिसे यौम-ए-आशूरा कहा जाता है, 6 जुलाई 2025, रविवार को मनाई जाएगी। सरकारी छुट्टियों की लिस्ट में भी मुहर्रम की छुट्टी 6 जुलाई रविवार को ही घोषित की गई है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में चांद दिखने के मुताबिक 1 दिन का फर्क संभव हो सकता है, लेकिन अधिकतर हिस्सों में 6 जुलाई को ही आशूरा मनाया जाएगा। आशूरा का धार्मिक महत्व: सुन्नी मुस्लिम इस दिन रोजा रखते हैं, दुआएं करते हैं और कुरान की तिलावत करते हैं। शिया मुस्लिम इस दिन शहीदान-ए-कर्बला को याद करते हुए मातम, जुलूस और ताजिया निकालते हैं। वे इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को दिल की गहराईयों से याद करते हुए उन्हें खिराजे अकीदत पेश करते हैं। इस प्रकार मुहर्रम, इस्लामी कलेंडर के मुताबिक साल की शुरुआत का पहला महीना होत है, लेकिन इस पर खुशी मनाने की कोई परंपरा नहीं है, बल्कि इमाम हुसैन की याद में इसे इबादत और गम से जोड़कर देखा जाता है। इस मौके पर शांति, संयम और इबादत को महत्व दिया जाता है। हिदायत/ईएमएस 04जुलाई25