राज्य
04-Jul-2025


बीएनएस एक साल बाद भी साक्ष्य जुटाने में पुलिस को आ रही दिक्कत, नौसिखिए तरीके से हो रही वीडियो रिकार्डिंग छिंदवाड़ा जबलपुर (ईएमएस)। नए कानून के लागू होने के एक साल पूरे हो गए हैं, लेकिन पुलिस विभाग की तैयारियां अभी भी अधूरी हैं। नए कानून के तहत पुलिस कर्मियों को टैब और ऑनलाइन सॉफ्टवेयर की सुविधा प्रदान करने की योजना थी, लेकिन अभी तक यह सुविधा नहीं मिली है। पुलिस नए कानूनों के लिए काम कर रही है, लेकिन अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि उन्हें नए कानूनों के प्रावधानों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है, लेकिन उन्हें अभी भी जमीनी स्तर पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वे इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए काम कर रहे हैं। प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचे और जागरूकता में सुधार करके, पुलिस इन कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने और न्याय प्रदान करने में सक्षम होगी। सवाल यह है कि क्या पुलिस विभाग की तैयारियां जमीनी स्तर पर अधूरी है और नए कानून के तहत पुलिस विभाग की कार्यक्षमता में सुधार हुआ है या नहीं। 1 जुलाई २०२४ से पूरे देश में तीन नए कानून लागू किए गए थे। इनमें ट्रायल के तकनीक के उपयोग पर जोर डाला गया था। जिसमें ऑडियो-वीडियों की रिकार्डिंग और कई इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को एकत्रित किए जाने को जरूरी बताया गया है, लेकिन साल भर बीत जाने के बाद भी पुलिस अब तक तकनीकी रूप से इसमें पारंगत नहीं हो पाई है। इसकी वजह न्यायालय और जेल के साफ्टवेयरों को आपस में लिंक न होने की दिक्कत आ रही है। पुलिस कर्मियों को टैब नहीं मिले हैं भले ही नए कानून को लेकर पुलिस जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन अभी भी पुलिस के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर आपस में लिंक नहीं हुए हैं। वहीं एफएसएल रिपोर्ट ऑनलाइन नहीं हो पा रही है। इसको लेकर अधिकारी कह रहे हैं कि हमारी तैयारियां चल रही है। जल्द ही सभी सुविधाएं पुलिस कर्मियों को दी जाएगी और जहां तक तकनीकी समस्याओं की बात है तो इन समस्याओं का हल ढूंढा जा रहा है, ताकि पुलिस कर्मियों को नए कानूनों के तहत कई सुविधाएं प्रदान की जा सकें। ये नहीं हो पा रहा बदलाव भारतीय दण्ड संहिता में नए कानून लागू किए गए हैं, जिनका उद्देश्य अपराधों को रोकना और न्याय प्रणाली में सुधार करना है। इन नए कानूनों के तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने की बात कहीं गई थी, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी अब तक पुलिसकर्मी सुविधाओं से वंचित है। बावजूद भी निर्माण और जमानत पर सुनवाई के समय डायरी न्यायालयों तक पहुंचाने की साफ्टवेयर में व्यवस्था नहीं बनी है। न ही विधिक अधिकारियों से कानूनी सलाह लेने के लिए उन्हें केस डायरी साफ्टवेयर पर उपलब्ध नहीं हो रही है। इसके लिए केस डायरी को साफ्टवेयर में डाउनलोड कर हार्ड कापी निकाली जाती है फिर उसे स्केन कर अभियोजन के साफ्टवेयर पर चढ़ाना (अपलोड) करना पड़ता है, जो नहीं हो पा रहा है। ईएमएस / 04 जुलाई 2025