गुना (ईएमएस)। मोहर्रम पर्व की तैयारियों के बीच गुना शहर में उस वक्त एक नया विवाद खड़ा हो गया जब ताजिया इंतजामिया कमेटी द्वारा कलेक्टर को दिए गए एक पत्र का अंश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पत्र में जुलूस मार्ग पर लगे भगवा झंडों को हटवाने की मांग की गई थी, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और धार्मिक सौहार्द को लेकर सवाल उठने लगे। हालांकि विवाद बढ़ता देख कमेटी अध्यक्ष ने तुरंत ही अपनी बात स्पष्ट करते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली। जानकारी के अनुसार, मोहर्रम पर्व को लेकर मुस्लिम समाज की ताजिया इंतजामिया कमेटी ने प्रशासन को एक औपचारिक पत्र सौंपा था। पत्र में जुलूस की शांति, सुरक्षा और साफ-सफाई से संबंधित 21 बिंदुओं पर व्यवस्थाएं मांगी गई थीं। इनमें से 20वें बिंदु में जुलूस मार्ग पर लगे भगवा ध्वजों को हटाने की बात कही गई थी, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो। इसी बिंदु को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं और धार्मिक ध्वज को हटाने की बात को लेकर लोगों ने नाराजगी जताई। विवाद की स्थिति को देखते हुए कमेटी के अध्यक्ष यूसुफ खान ने इस विषय में सफाई दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मंशा किसी धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। उन्होंने कहा कि ताजिया जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं, ऐसे में रास्ते में पहले से लगे किसी धार्मिक ध्वज को यदि गलती से नुकसान पहुंचता है तो उससे अनचाही स्थिति बन सकती है। इसी को ध्यान में रखकर यह सुझाव प्रशासन को दिया गया था, ताकि पहले से मौजूद प्रतीकों की गरिमा बनी रहे और किसी की भावनाएं आहत न हों। यूसुफ खान ने अपने स्पष्टीकरण में यह भी कहा कि गुना एक शांतिप्रिय और सांप्रदायिक सौहार्द वाला शहर है, जहां सभी समुदायों के लोग मिल-जुलकर त्योहार मनाते हैं। यदि उनके पत्र में प्रयुक्त किसी शब्द या बिंदु से किसी को ठेस पहुंची है, तो वे इसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं और आगे से ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जो समाज में विवाद या गलतफहमी पैदा करे। उधर, प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो मोहर्रम पर्व पर निकाले जाने वाले ताजिया जुलूसों के लिए पूरी तैयारी की गई है। शहर के विभिन्न हिस्सों से जुलूस रविवार शाम से चलना शुरू हुए। जो रात में बूढ़े बालाजी इलाके में स्थित हुसैन टेकरी पर एकत्रित होंगे और फिर करबला मैदान में ताजियों को ठंडा किया जाएगा। पुलिस और प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। - सीताराम नाटानी (ईएमएस)