मुंबई (ईएमएस)। तनु वेड्स मनु की हल्की-फुल्की और उलझी हुई मोहब्बत हो, रांझणा का जुनूनी इश्क, या शुभ मंगल ज़्यादा सावधान में एलजीबीटीक्यू प्लस रिश्तों की ईमानदार और संवेदनशील कहानी आनंद एल राय की ‘कलर येलो प्रोडक्शन्स’ ने बार-बार दिखाया कि प्रेम हर रूप में पर्दे पर कहने लायक है। लेकिन 2021 में आई हसीन दिलरुबा ने इस परंपरा को एक बिल्कुल अलग और डार्क मोड़ दिया। विनील मैथ्यू के निर्देशन और कनिका ढिल्लों की लिखी इस फिल्म ने एक प्रेम कहानी को मर्डर मिस्ट्री और थ्रिलर के दायरे में लाकर पेश किया। फिल्म में तापसी पन्नू ने रानी कश्यप का किरदार निभाया एक तेज-तर्रार, छोटे शहर की लड़की जो अपने शांत और सीधे पति रिशु (विक्रांत मैसी) और मोहक प्रेमी नील (हर्षवर्धन राणे) के बीच फंसी है। शुरुआत में यह एक साधारण प्रेम त्रिकोण जैसा लगता है, लेकिन कहानी धीरे-धीरे धोखे, जुनून और हत्या के गहरे और खतरनाक खेल में बदल जाती है। इसकी टाइमलाइन में जंप्स और अनरिलाएबल नैरेशन ने दर्शकों को अंत तक उलझाए रखा और इसका क्लाइमेक्स दर्शकों को सोचने पर मजबूर करने वाला था। आनंद एल राय के लिए यह फिल्म एक बड़ी रचनात्मक छलांग थी। अब तक जिन कहानियों में वह भावनाओं की सरलता और जमीन से जुड़ेपन को दिखाते थे, उनमें हसीन दिलरुबा ने प्यार का एक ऐसा रूप पेश किया जो असली, दोषपूर्ण और नैतिक रूप से ग्रे था। नेटफ्लिक्स पर यह फिल्म स्लीपर हिट साबित हुई और धीरे-धीरे इसे एक कल्ट फॉलोइंग मिली। इसका असर इतना गहरा था कि 2024 में इसका सीक्वल फिर आई हसीन दिलरुबा भी रिलीज़ हुआ और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर टॉप चार्ट्स में रहा। आज जब हसीन दिलरुबा को रिलीज़ हुए चार साल हो चुके हैं, यह फिल्म सिर्फ एक रोमांटिक थ्रिलर नहीं बल्कि कलर येलो प्रोडक्शन्स की कहानी कहने के विकास का अहम पड़ाव बन चुकी है। सुदामा/ईएमएस 07 जुलाई 2025