:: इंदौर के चित्तौड़ा वैश्य महाजन समाज में नया अध्याय :: इंदौर (ईएमएस)। सात समंदर पार, अमेरिका के कैलिफोर्निया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत इंदौर की एक बेटी ने बुधवार को पंचकुइया मोक्षधाम पर अपने दिवंगत पिता को मुखाग्नि देकर समाज के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। यह घटना नागर चित्तौड़ा महाजन वैश्य समाज में बेटे और बेटी के बीच के भेद को मिटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। :: कैंसर से निधन के बाद बेटी ने निभाई पुत्र की रस्म :: नागर चित्तौड़ा महाजन वैश्य समाज के 66 वर्षीय समाजसेवी कमल डोंगरिया का डेढ़ माह पूर्व लीवर कैंसर का पता चला था और मंगलवार शाम को उनका निधन हो गया। उनकी बीमारी की खबर सुनकर कैलिफोर्निया में रह रहीं उनकी बेटी रिंकू गांधी और दामाद आदित्य गांधी तीन दिन पहले ही इंदौर पहुंच गए थे और अंतिम क्षणों तक उनकी सेवा में लगे रहे। कमल डोंगरिया की दो बेटियां हैं; दूसरी बेटी उर्वशी, जो गर्भवती हैं, को अंतिम संस्कार की रस्मों से दूर रखा गया। मंगलवार शाम को कमल डोंगरिया के निधन के बाद समाजबंधुओं और परिजनों ने मुखाग्नि की रस्म किसी रक्त संबंधी रिश्तेदार से करवाने का निश्चय किया, क्योंकि उनके कोई पुत्र नहीं था। हालांकि, रिंकू गांधी ने दृढ़तापूर्वक अपने पिता का अंतिम संस्कार और मुखाग्नि की रस्म स्वयं करने का संकल्प लिया। आज सुबह संगम नगर स्थित निवास से निकली अंतिम यात्रा के दौरान, बेटी रिंकू ने वे सभी रस्में निभाईं जो सामान्यतः पुत्र द्वारा की जाती हैं। पंचकुइया मोक्षधाम पर भी पिता की चिता में अग्नि देने से लेकर अन्य सभी रस्मों का निर्वाह रिंकू ने ही किया। :: समाज ने सराहा बेटी का साहसिक निर्णय :: पंचकुइया मोक्षधाम पर आयोजित शोकसभा में चित्तौड़ा समाज के पदाधिकारियों के अलावा कमल डोंगरिया के बाल सखा राजेश गर्ग, कमल सोमानी, शिव जिंदल और अन्य स्नेहीजनों ने रिंकू के इस साहसिक निर्णय की खुले मन से सराहना की। उन्होंने कहा कि अब बेटी और बेटे में अंतर करने का समय नहीं है। उन्होंने इस बात की भी सराहना की कि अमेरिका जैसे देश में रहते हुए भी रिंकू और उनके पति आदित्य गांधी ने अपनी परंपरा का बखूबी निर्वाह किया। यह समाज में किसी दूसरे देश से आकर अपने पिता का अंतिम संस्कार करने और मुखाग्नि देने का पहला अवसर था। इंदौर अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष कमल गुप्ता, पत्रकार आशुतोष वाजपेयी, चंद्रप्रकाश गुप्ता, अग्रसेन सोशल ग्रुप के राजेश गर्ग, हेमंत हेतावल, प्रवीण कश्यप, हरीश गुप्ता और संगम नगर के रहवासियों ने भी श्रद्धांजलि सभा में बेटी के इस निर्णय का स्वागत किया। अंतिम यात्रा संगम नगर से इतवारिया बाजार स्थित पैतृक निवास होते हुए पंचकुइया मोक्ष धाम पहुंची थी। उठावना गुरुवार, 10 जुलाई को उषा राजे परिसर पर शाम 5 बजे रखा गया है। प्रकाश/9 जुलाई 2025