:: जिस दिन आज के राजा झोपड़ियों के लिए अपने राजमहलों के दरवाजे खोल देंगे, प्रजातंत्र सार्थक हो उठेगा - प्रणवानंदजी इंदौर (ईएमएस)। कृष्ण और सुदामा का मिलन राजमहल और झोपड़ी के मिलन जैसा है। जिस दिन आज के राजा अपने महलों के दरवाजे सुदामा जैसे आम आदमी के लिए खोल देंगे, उस दिन देश में फिर कृष्णयुग और मजबूत प्रजातंत्र लौट सकता है। कृष्ण और सुदामा की मित्रता पूरी दुनिया में अनूठा उदाहरण है। मित्रता के नाम पर स्वार्थ और मोह-माया से बंधे रिश्ते ज्यादा दिनों तक नहीं चलते। कृष्ण-सुदामा जैसा मैत्री भाव पूरे विश्व की जरूरत है। गीता भवन में चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ में बुधवार को श्रीधाम वृंदावन के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती ने कृष्ण-सुदामा मिलन प्रसंग की भावपूर्ण व्याख्या के दौरान उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए। कथा में आज ब्रज भूमि एवं देश के अन्य धर्म स्थलों से आए अनेक संत-विद्वानों ने भी सानिध्य प्रदान किया। इनमें स्वामी पूर्णानंद सरस्वती, स्वामी भारतानंद सरस्वती, स्वामी पूर्णेश्वरानंद सरस्वती, स्वामी अतुलानंद सरस्वती, ब्रह्मचाली ज्ञानेश चैतन्य एवं महंत पंढरीनाथ के नाम प्रमुख हैं, जिन्होंने मंच पर बैठकर कथा श्रवण का लाभ लिया और आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती का स्वागत भी किया। इसके पूर्व कथा में व्यासपीठ का पूजन लक्ष्मणसिंह राठौर, दिनेश तिवारी, कमला पंवार, बच्चनलाल दुबे, कपूर परिवार, दीपावील तिवारी, सुषमा राठौर आदि ने किया। कृष्ण सुदामा मिलन का भावपूर्ण दृश्य देखकर अनेक भक्तों की आंखें सजल हो उठी। महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंदजी ने कृष्णा सुदामा मिलन प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा कि कलयुग में मित्रता को नए सिरे से परिभाषित करने की जरूरत है। ऊंचे पदों पर बैठे लोगों को अपने बाल सखाओं के दुख-दर्द में भागीदार बनने का संदेश भी इस प्रसंग से मिलता है। यह भारत भूमि का ही पुण्य प्रताप है कि यहां कृष्ण जैसे राजा और सुदामा जैसे स्वाभिमानी ब्राह्मण हुए। राजमहलों के दरवाजे झोपड़ी में रहने वालों के लिए जिस दिन खुल जाएंगे, उस दिन देश का प्रजातंत्र सार्थक हो उठेगा। :: गीता भवन में आज गुरू पूर्णिमा महोत्सव, स्वामी प्रणवानंद का पाद पूजन होगा :: मनोरमागंज स्थित गीता भवन पर गुरूवार, 10 जुलाई को सुबह 10 बजे से आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती के सानिध्य में गुरू पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन, मंत्री राम विलास राठी, मनोहर बाहेती एवं सत्संग मंडल के सदस्यों ने बताया कि आचार्य महामंडलेश्वर के पाद पूजन एवं गीता भवन ट्रस्ट की ओर से सम्मान के पश्चात भक्तों की ओर से भी कतारबद्ध होकर गुरू पूजन किया जाएगा। गीता भवन में 11 जुलाई से चातुर्मास अनुष्ठान का भी शुभारंभ हो जाएगा, जिसमें 11 से 15 जुलाई तक नैमिषारण्य, हरदोई (उ.प्र.) से आचार्य स्वामी पूर्णेश्वरानंद सरस्वती के प्रवचन होंगे। वे प्रतिदिन सुबह 9 से 10 बजे तक एवं शाम को 5.30 से 6 बजे तक विभिन्न सामयिक विषयों पर प्रवचन करेंगे। प्रकाश/9 जुलाई 2025 संलग्न चित्र- गीता भवन में चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ में संबोधित करते महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती।