वॉशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि एफ -47 फाइटर प्लेन की टेस्टिंग पिछले करीब 5 महीने से चल रही है। यह फाइटर जेट गुप्त रूप से उड़ाने भर रहा है और 2030 तक इसे अमेरिकी वायुसेना में शामिल किया जाएगा। एफ -47 एक सुपर-कंप्यूटर की तरह काम करेगा। इस विमान की बनावट पर खास ध्यान दिया गया है। इसमें स्टील्थ डिजाइन, एआई-अनुकूल एवियोनिक्स और एडाप्टिव-साइकिल इंजन होगा। अमेरिकी वायु सेना ने मार्च 2025 में बोइंग कंपनी के साथ छठवीं पीढ़ी का फाइटर जेट एफ-47 बनाने के लिए आधिकारिक रूप से डील की थी। अमेरिका अपने बेड़े में छठी पीढ़ी के विमानों की संख्या बढ़ाना चाहता है। बोइंग को दशकों बाद इतना बड़ा रक्षा डील मिली है। हालांकि यह डील कितने में हुई इसका खुलासा नहीं किया गया। इससे पहले, दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य कंपनी लॉकहीड मार्टिन कॉर्प की इस क्षेत्र में बादशाहत थी। लॉकहीड मार्टिन ने ही एफ-22 और एफ -35 फाइटर जेट का निर्माण किया था। इस डील का एक मकसद यह भी है कि अमेरिका अब करीब 2 दशक से सेवा दे रहे एफ -22 स्टील्थ वॉर प्लेन को एफ -47 से रिप्लेस करना चाहता है। सवाल यह है कि क्या अमेरिका ने अपनी रणनीति में कोई बदलाव किया है? सवाल यह भी है कि आखिर एफ -47 फाइटर जेट में ऐसा क्या है? क्या यह पूरी दुनिया में आधुनिक युद्ध की तस्वीर बदल देगा? बोइंग अब दुनिया का सबसे खतरनाक विमान बनाने जा रही है। यह बोइंग का पहला क्लीन शीट फाइटर डिजाइन वाला जेट है जिसमें एमक्यू-28 घोस्ट बैट ड्रोन और बी -21 रेडर स्टील्थ टेक्नोलॉजी का और अधिक उन्नत तरीके से इस्तेमाल किया गया है। यह विमान दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आएगा। इसका विमान का सबसे खास फीचर कॉलेबरेटिव कॉम्ब एयरक्राफ्ट सिस्टम होगा। इसकी कीमत करीब 20 मिलियन डॉलर होगी। माना जा रहा है कि दुनिया का कोई भी युद्ध यह फाइटर जेट जीत सकता है। वीरेंद्र/ईएमएस 10 जुलाई 2025