इस्लामाबाद (ईएमएस)। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने 2025 के पहले छह महीनों की अपनी सैन्य गतिविधियों की जानकारी एक इन्फोग्राफिक के ज़रिए जारी की है। इन्फोग्राफिक के अनुसार, 11 मार्च 2025 को बीएलए ने ‘जाफर एक्सप्रेस ऑपरेशन’ की शुरुआत की थी। इस हमले में बीएलए के लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया था। ऑपरेशन के दौरान 214 पाकिस्तानी सैनिकों को 48 घंटों तक बंधक बनाया गया। बीएलए ने मांग की थी कि बदले में पाकिस्तानी जेलों में बंद बलूच कैदियों को रिहा किया जाए, लेकिन पाकिस्तान सेना ने इसे ठुकरा दिया, इसके बाद बीएलए ने सभी बंधकों को मार गिराया। बीएलए की आधिकारिक मीडिया इकाई हक्कल मीडिया ने दावा किया है कि इस अवधि में संगठन ने कुल 284 हमले किए, जिनमें 668 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी और 58 खुफिया एजेंट मारे गए। बीएलए के मुताबिक, इन अभियानों में 131 वाहन नष्ट, 121 बम धमाके, 1 ट्रेन हाईजैक, और 3 आत्मघाती हमले शामिल थे। संगठन ने यह भी स्वीकार किया कि इन ऑपरेशनों के दौरान उसके 36 लड़ाके शहीद हुए।इन 180 दिनों में बीएलए ने मजीद ब्रिगेड, फ़तेह स्क्वॉड और बीएलए स्पेशल फ़ोर्सेज के साथ मिलकर 6 संयुक्त ऑपरेशन, 9 स्पेशल ऑपरेशन, 3 फिदायीन मिशन और 7 आत्मबलिदान मिशन अंजाम दिए, जिनमें संगठन को 36 योद्धाओं की क्षति हुई। बीएलए का दावा है कि उसने पाकिस्तान के 45 से अधिक शहरों, सैन्य कैंपों और पुलिस स्टेशनों पर कब्ज़ा, रेड या ब्लॉकेड किया। साथ ही 17 पाकिस्तानी सैन्य वाहन नष्ट किए और करीब 115 हथियार व सैन्य सामग्री जब्त की गई। बलूच लिबरेशन आर्मी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बलूच लोगों के अधिकारों, पहचान और संसाधनों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहा है। यह संगठन बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करता है। बीएलए का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रही है, जबकि वहां के लोगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। इसी कारण बीएलए पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेंसियों और रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाता है। पाकिस्तानी सेना पर आरोप है कि वह बलूच लड़ाकों के साथ-साथ नागरिकों पर भी कार्रवाई करती है, जिसमें बलूचों के लापता होने और मानवाधिकार उल्लंघन के कई आरोप लगे हैं। वीरेंद्र/ईएमएस 10 जुलाई 2025