मुंबई, (ईएमएस)। शिवसेना पार्टी का नाम और पार्टी का चुनाव चिन्ह धनुषबाण, एकनाथ शिंदे गुट को देने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिका पर 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की उम्मीद है। यह सुनवाई कोर्ट नंबर 2 में होगी। चूँकि यह मामला 14 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध है, इसलिए डेढ़ साल बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी। चूँकि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी, इसलिए महानगरपालिका और जिला परिषदों के चुनाव को लेकर इसके परिणाम पर सबकी उत्सुकता बनी हुई है। यह सुनवाई न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जोयमल्या बागची की पीठ के समक्ष होगी। इस मामले में शिवसेना के उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट ने मांग की है कि जिस प्रकार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मामले में निर्देश दिए गए थे वैसा ही निर्देश दिए जाएँ। - क्या आदेश दिया गया था एनसीपी को ? एनसीपी मामले में फैसला सुनाते हुए, अदालत ने अजित पवार को एनसीपी के चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करते हुए उसका विज्ञापन करने का आदेश दिया था। अजित पवार को अखबार में स्पष्ट रूप से स्वीकार करना पड़ा कि उन्हें अंतिम सुनवाई तक अस्थायी रूप से इस चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। गौरतलब है कि एनसीपी मामले की सुनवाई सूर्यकांत की पीठ के समक्ष हुई थी। अब शिवसेना और उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर भी सुनवाई इसी पीठ के समक्ष होगी। संजय/संतोष झा- १० जुलाई/२०२५/ईएमएस