राष्ट्रीय
10-Jul-2025


बैंगलोर,(ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आपदा राहत और मानवीय सहायता (एचएडीआर) के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में उभरा है। यह बात पीएम के प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी की रजत जयंती के मौके पर कही। डॉ. मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की आपदा प्रबंधन प्रणाली में हाल के वर्षों में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। खासकर गुजरात भूकंप पुनर्निर्माण कार्यक्रम, ओडिशा सुपर साइक्लोन और 2004 की सुनामी जैसी आपदाओं से सीखे गए सबक ने देश को एक बेहतर, तकनीकी रूप से सक्षम और संस्थागत रूप से मजबूत प्रणाली विकसित करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि आपदा के दौरान मृत्यु दर में कमी है, जो कि सेंडाई फ्रेमवर्क के तहत भारत की वैश्विक प्रतिबद्धता का प्रमाण है। डॉ. मिश्रा ने भारत की एनडीआरएफ, आधुनिक पूर्व-चेतावनी प्रणाली, आपदा के बाद सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल राहत वितरण प्रणाली को देश की सफलता की कुंजी बताया। भारत की अंतरराष्ट्रीय सक्रियता पर बोलते हुए, उन्होंने नेपाल (2015), तुर्की (2023) और म्यांमार (2025) में भारत द्वारा भेजी गई आपदा राहत टीमों का उदाहरण दिया। भारत अब न सिर्फ क्षेत्रीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर संकट के समय सहायता देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आपदा रोधी इन्फ्रास्ट्रक्चर गठबंधन (सीडीआरआई) को भारत की एक अभिनव पहल बताया, जो जलवायु अनुकूल और टिकाऊ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देता है। डॉ. मिश्रा ने इस बात पर बल दिया कि अब भारत की चुनौती है कि वह इस प्रगति को बनाए रखते हुए शहरी बाढ़ और लू जैसे नए खतरों से निपटने के लिए तैयारी करे, और आपदा वित्तपोषण, पुनर्निर्माण और शमन में जलवायु अनुकूल रणनीतियों को शामिल करे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का आपदा प्रबंधन मॉडल आज वैश्विक मानकों के अनुरूप है और अन्य देशों के लिए एक आदर्श बन चुका है। हिदायत/ईएमएस 10जुलाई25